एक साथ 3 जगह नौकरी करने वाला फरार, मामला दर्ज

बिहार सरकार के तीन अलग-अलग विभागों में कार्यरत एक (इंजीनियर) पिछले 30 वर्षो से तीनों विभागों से वेतन भी उठा रहा था;

Update: 2019-08-24 18:20 GMT

पटना। बिहार सरकार के तीन अलग-अलग विभागों में कार्यरत एक (इंजीनियर) पिछले 30 वर्षो से तीनों विभागों से वेतन भी उठा रहा था। यह बात सामने आने के बाद किशनगंज के एक थाने में इस अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और पुलिस जांच में जुटी हुई है।

पुलिस के एक अधिकारी ने आज कहा कि पटना के पुनपुन का रहने वाले सुरेश राम को पहली बार 20 फरवरी, 1988 को पटना स्थित राज्य सड़क निर्माण विभाग में बतौर सहायक इंजीनियर नियुक्त किया गया था। अगले साल उसे जल संसाधन विभाग में नौकरी मिल गई, जहां उसने 28 जुलाई, 1989 को उसी शहर में कार्यभार संभाला। इसके बाद सुरेश को उसी साल जल संसाधन विभाग में भी नौकरी मिल गई और उसे सुपौल जिले के भीम नगर में नियुक्ति दी गई। 

आरोप है कि सुरेश तीन-तीन पदों पर एक साथ कार्य कर रहा था और उसे संबंधित विभाग से समय-समय पर पदोन्नति भी मिलती रही। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब वित्त विभाग द्वारा नई वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (सीएफएमएस) के तहत सरकारी कर्मचारी का वेतन और अन्य कार्यो की जानकारी के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और जन्मतिथि डाली गई। 

फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद सुरेश को राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जब सभी प्रमाणपत्रों के साथ बुलाया तो वह फरार हो गया। सुरेश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। 

सुरेश इस समय किशनगंज के भवन निर्माण विभाग में बतौर इंजीनियर कार्यरत है। जल संसाधन विभाग के अंतर्गत पूर्वी तटबंध भीमनगर (जिला सुपौल) व इसह विभाग में अवर प्रमंडल बेलहर (जिला बांका) में सहायक अभियंता है। 

किशनगंज के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने आज कहा कि इंजीनियर सुरेश राम के खिलाफ किशनगंज स्थित भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता मधुसूदन कुमर कर्ण के लिखित आवेदन पर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। फरार इंजीनियर को गिरफ्तार करने के लिए अनमुंडल पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम बनाई गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। 

सूत्रों का कहना है कि 30 वर्षो से कार्यरत सुरेश कुछ ही दिनों बाद सेवानिवृत्त भी होने वाला था। 

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