जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के बीच सरकार बनाने की सुगबुगाहट तेज

 जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के पीडीपी से गठबंधन तोड़ने के बाद राज्यपाल शासन लागू है लेकिन अब जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है;

Update: 2018-07-02 13:11 GMT

नई दिल्ली।   जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के पीडीपी से गठबंधन तोड़ने के बाद राज्यपाल शासन लागू है लेकिन अब जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। 

जम्मू-कश्मीर में पिछले दो हफ्ते से सियासत हिचकोले खा रही है। कभी बीजेपी पीडीपी का साथ छोड़ सरकार गिराती है तो कभी पीडीपी नए सियासी समीकरण बैठाकर फिर सत्ता में आने के लिए जोर लगाती है। 

राज्य में 6 महीने के लिए लागू राज्यपाल शासन के बीच सरकार गठन की कोशिशें तेज हो गई हैं। भले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से हाथ मिलने से इंकार कर दिया हो, लेकिन वो अब कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर सत्ता पर फिर काबिज होने के सपने देख रही है।

सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच सरकार बनाने को लेकर बातचीत चल रही है। 

बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने श्रीनगर में कल एक अहम बैठक बुलाई है। जिसमें सभी विधायक, एमएलसी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में ही तय होगा कि कांग्रेस और पीडीपी में बात बनेगी या नहीं। 

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 87 सीटें हैं। जिसमें 28 पर पीडीपी का कब्जा है, जबकि कांग्रेस के पास 12 विधायक है। लेकिन बहुमत के लिए 44 विधायकों का साथ जरुरी है। ऐसे में अगर सीपीआई (एम) का एक विधायक, पीडीएफ का एक विधायक और दो निर्दलीय विधायक उन्हें समर्थन देते हैं तो राज्य में एक बार फिर मुफ्ती का राज हो सकता है। 

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