मोदी और कश्मीरी नेताओं को बीच बात सिर्फ “जनसंपर्क कवायद”:महमूद कुरैशी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि गुरूवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कश्मीरी नेताओं को बीच जो बातचीत हुई वह महज एक “ जनसंपर्क कवायद” थी;
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि गुरूवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कश्मीरी नेताओं को बीच जो बातचीत हुई वह महज एक “ जनसंपर्क कवायद” थी और उससे कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।
कुरैशी ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गुरूवार की उस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला है और जम्मू -कश्मीर का जो विशेष दर्जा भारत सरकार ने पांच अगस्त 2019 को हटाया था उससे पीएम मोदी की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी कम हुई थी और यह उसी छवि को चमकाने का महज एक प्रयास था।
‘द डान’ में उनके हवाले से कहा गया है“मेरे विचार से वह एक ड्रामा था और यह ड्रामा इसलिए था क्योंकि वह महज एक जनसंपर्क कवायद थी जिसका मकसद श्री मोदी की छवि को फिर से चमकाना था लेकिन उससे कुछ हासिल नहीं हो सका है। वह बातचीत असफल रही और उससे किसी खास बिन्दु पर चर्चा नहीं हुई थी तथा इससे कुछ हासिल नहीं होगा। वहां के कश्मीरी लोग अभी भी अपने वजूद की तलाश में हैं और वे स्वायत्ता का दर्जा दिए जाने की बात कर रहे हैं । वे लोग सुरक्षा चाहते है और जनसंख्या के आधार पर जो विभाजन किया गया है वह कश्मीरियों को स्वीकार नहीं हैं। जहां तक उस बैठक का सवाल है तो हम यही निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि कश्मीरी नेताओं ने राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने की इच्छा व्यक्त की होगी।”
उन्होंने कहा“ यह बहुत ही संदिग्ध है और इसके लिए यह कौन सा समय चुना गया? जम्मू -कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए दो वर्ष बीत चुके हैं तथा अब और कितने कश्मीरियों को अपनी बलि देनी होगी। उस बातचीत में कश्मीरियों ने अपने गुस्से को जरूर व्यक्त किया होगा। भारत सरकार भले ही कितने दावे करे लेकिन सच्चाई यह है कि वहां अब तक कोई विकास नहीं हुआ है और कश्मीर को दो वर्षों में काफी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है तथा बातचीत में शामिल एक प्रतिनिधि ने तो यह दावा भी किया कि कश्मीर में 50 प्रतिशत से अधिक उद्योग धंधे बंद हो चुके हैं।”