स्वाति मालीवाल का अनशन जारी

 बलात्कार पीड़िताओं को जल्द न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की मांग को लेकर आयोजित अनिश्चितकालीन अनशन के आठवें दिन स्वाति मालीवाल ने अपना दिन रोजाना की तरह राजघाट पर जाकर शुरू किया;

Update: 2018-04-20 13:39 GMT

नई दिल्ली।  बलात्कार पीड़िताओं को जल्द न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की मांग को लेकर आयोजित अनिश्चितकालीन अनशन के आठवें दिन स्वाति मालीवाल ने अपना दिन रोजाना की तरह राजघाट पर जाकर शुरू किया।

मगर आज वह राजघाट व्हीलचेयर पर बैठकर गई थीं। राजघाट जाते समय उनके हाथ में प्लेकार्ड था जिस पर लिखा था। यह केवल मेरी ऊर्जा बचाने के लिए है । मैं अभी भी 5 किमी दौड़ सकती हूं। अनशन के सातवें दिन सीपीआई नेता डी राजा भी समता स्थल राजघाट पहुंचे।

उन्होंने प्रधानमंत्री के बयान बलात्कार के मामले का राजनीतिकरण न किया जाए को लेकर प्रधानमंत्री से ही सवाल पूछा कि मामले का राजनीतिकरण कौन कर रहा है। 

क्या यह आपकी पार्टी बीजेपी नहीं है जो राजनीति कर रही है।  क्या यह आपकी पार्टी नहीं है जो मामले का साम्प्रदायिकरण कर रही है।  डी राजा ने मालीवाल को भरोसा दिलाया कि वह इस मुद्दे को मॉनसून सत्र में संसद में उठाएंगे। इस दौरान जेनेसिस ग्लोबल स्कूल नोएडा की छात्राएं भी अनशन का समर्थन करने समता स्थल पर पहुंची। वहीं, स्वाति मालीवाल ने लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री द्वारा लंदन में दिए गए बयान पर हमला बोला।

उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि राजनीति कौन कर रहा है। यह बहुत दु:ख की बात है कि जब पूरा देश इन घटनाओं पर गुस्से में उबल रहा है और देश की महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं ए तब प्रधानमंत्री महज बयानबाजी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री रोज एक बयान दे देते हैं या भाषण दे देते हैं या अपने मन की बात कर लेते हैं। मगर वह देशवासियों के मन की बात नहीं सुन रहे हैं। आज देश हमारे प्रधानमंत्री से कार्यवाही चाहता हैए कोई बयान या भाषण नहीं। मालीवाल ने कहाए अगर प्रधानमंत्री जी ज़िद्दी हैं तो मैं भी उनकी बेटी हूँ और उनसे ज्यादा ज़िद्दी हूँ। मैं तब तक अपना अनशन नहीं तोड़ूंगी जब तक मेरी मांगें नहीं मानी जातीं ए चाहे इसके लिए मुझे कोई भी बलिदान देना पड़े।

स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग के पद पर काम करते हुए मैं अदालतए राजनेताए प्रधानमंत्री सब के पास गई।  मगर कुछ नहीं हुआ। मैं प्रधानमंत्रीजी से अनुरोध करती हूँ कि वह 1 साल की बलात्कार पीड़ित बच्ची से मिलें क्योंकि मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इतने निष्ठुर नहीं हैं कि वह 1 साल की बच्ची से मिलने के बाद भी नहीं पिघलेंगे। उन्होंने कहा कि जब हम किसी और का दर्द महसूस करते हैं तो यह बहुत शक्ति प्रदान करता है। अगर यह दर्दए गुस्से में बदल जाये तो यह सब कुछ बर्बाद कर देता है और अगर यह तपस्या में बदल जाये तो यह विश्व की सभी ताक़तों को झुकने पर मजबूर कर देता है।

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