उच्चतम न्यायालय का मराठा आरक्षण पर फैसला अप्रत्याशित और निराशाजनक: अजित पवार

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय का मराठा आरक्षण पर फैसला अप्रत्याशित और निराशाजनक है;

Update: 2021-05-05 17:09 GMT

मुम्बई। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय का मराठा आरक्षण पर फैसला अप्रत्याशित और निराशाजनक है क्योंकि सरकार और मराठा सामाजिक संगठनों ने इस मामले में मजबूत पक्ष न्यायालय में रखे थे।

अजित पवार ने अपने एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला समझ से परे है। दूसरे राज्यों में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक है लेकिन मराठा आरक्षण के मामले में इस पर विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा था कि मराठा बन्धुओं का लंबा, संयत और ऐतिहासिक संघर्ष उच्चतम न्यायालय में सफल होगा।

अजित पवार ने कहा कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले का अध्ययन करने के बाद अगले कदम के बारे में फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय रही कमी को पूरा करेगी। राज्य सरकार मराठा बन्धुओं को न्याय और अधिकार दिलाने के लिए हरसंभव उपाय करेगी।

अजित  पवार ने कहा कि राज्य सरकार मराठा भाइयों के दिमाग से उनके साथ हुए अन्याय की भावना को दूर करने का पुरजोर प्रयास करेगी। उन्होंने कहा,“हम राज्य में समाज के किसी वर्ग के साथ अन्याय होने की अनुमति नहीं देंगे। मराठा समुदाय ने इस मामले में शांतिपूर्ण, संयत और लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ी है। उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद भी इसी तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मराठा समुदाय को उनके अधिकार दिलाने में हर संभव कदम उठाती रहेगी।

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