एंबी वैली की नीलामी रोकने की सहारा की याचिका खारिज : सर्वोच्च न्यायालय 

अदालत ने कहा कि यदि सहारा समूह रॉयल पार्टनर्स इन्वेस्टमेंट से समझौता करने व अदालत में राशि जमा करने में सक्षम है तो अदालत उपयुक्त आदेश पारित करेगी;

Update: 2017-09-11 23:31 GMT

नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को सहारा समूह की एंबी वैली परियोजनाओं की कुर्की रोकने और 1.6 अरब डॉलर के लिए 26 फीसदी की हिस्सेदारी को बेचने के लिए रॉयल पार्टनर्स इन्वेस्टमेंट फंड के साथ समझौता करने की अनुमति देने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। कुर्की रोकने व अदालत के एंबी वैली की नीलामी के आदेश को रोकने की मांग करते हुए सहारा ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई व न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी की खंडपीठ से कहा कि वह पहले ही अपने न्यूयॉर्क के दो होटलों को बेच चुका है।

अदालत ने कहा कि यदि सहारा समूह रॉयल पार्टनर्स इन्वेस्टमेंट से समझौता करने व अदालत में राशि जमा करने में सक्षम है तो अदालत उपयुक्त आदेश पारित करेगी।

शीर्ष अदालत ने 16 अप्रैल को बंबई उच्च न्यायालय के आधिकारिक लिक्विडेटर (परिसमापक) से सहारा समूह की एंबी वैली की संपत्ति का मूल्यांकन व नीलामी करने को कहा था। इसकी कीमत पर अपनी रिपोर्ट में लिक्विडेटर ने कहा था कि इसका बाजार भाव 37,390 करोड़ रुपये व उचित मूल्य 43,000 करोड़ रुपये है।

सहारा की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 1.6 अरब डॉलर के बदले में रॉयल पार्टनर्स इन्वेस्टमेंट फंड को एंबी वैली में 26 फीसदी की हिस्सेदारी मिलेगी।

सहारा समूह की दो कंपनियों-सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड व सहारा हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए अदालत ने आदेश में कहा, "यदि आवेदनकर्ता रॉयल पार्टनर्स इन्वेस्टमेंट फंड के साथ समझौता करते हैं और राशि को अदालत के समक्ष जमा कराते हैं तो अदालत अगली सुनवाई में उचित आदेश देगी।"

अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख पर सुब्रत रॉय को अदालत में मौजूद रहने का निर्देश दिया।

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