केंद्र को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार

कोरोना की दूसरी लहर समाप्त होने के बाद अभी लोग उसके सदमे से उबरे भी नहीं थे कि तीसरी लहर को लेकर दावे किए जाने लगे हैं. सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र को निर्देश दिया गया कि जिन लोगों की कोरोना के चलते जान गई है उनके लिए मुआवजा नीति बनाई जाए. और इसे लेकर केंद्र से जवाब भी मांगा गया था. लेकिन केंद्र सरकार जवाब देने की जगह तारीखें मांग रही है, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जमकर सुनाया.;

Update: 2021-09-03 19:29 GMT

 देश में कोरोना की दूसरी लहर बीत चुकी है. केरल में जरूर कोरोना के रोज मिल रहे मामले चिंता बढ़ा रहे हैं. लेकिन देश में अन्य जगह स्थिति अभी नियंत्रण में बनी हुई है. कोरोना की दूसरी लहर ने देश में भयावह हालात बना दिए थे . अस्पतालों में मरीजों की कतार और इलाज के नाम पर बेबसी. जिस कारण कई लोगों की जान चली गई. सरकारी आंकड़ा ही चार लाख से अधिक का है. जबकि कई स्वतंत्र रिपोर्टों में ये आंकड़ा इससे कई गुना ज्यादा है. कोरोना के चलते जिन लोगों की जान गई. उनके परिजनों ने सरकार से मुआवजे की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट में भी कम से कम चार लाख रुपए मुआवजा दिए जाने को लेकर याचिका दाखिल की गई थी. 30 जून को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए चार लाख के मुआवजे को तो मंजूरी नहीं दी. लेकिन सरकार को आदेश दिया कि देश में कोरोना से गई हर जान के लिए मुआवजा दिया जाए. कोर्ट ने NDMA से कहा था कि वह 6 हफ्ते में मुआवजे की रकम तय कर राज्यों को सूचित करें. कोर्ट ने माना था कि इस तरह की मुश्किल में लोगों को मुआवजा देना सरकार का वैधानिक कर्तव्य है. लेकिन मुआवजे की रकम कितनी होगी, यह फैसला कोर्ट ने सरकार पर ही छोड़ दिया था. कोर्ट ने तीन सितम्बर तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. इस पर आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एम आर शाह और अनिरुद्ध बोस की बेंच में सुनवाई शुरू हुई. लेकिन सरकार समय पर हलफनामा दाखिल नहीं कर पाई. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने हलफनामा दाखिल करने के लिए दस दिन का समय और मांग लिया. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि मामला अभी सरकार के पास विचाराधीन है. इसलिए समय दिया जाना चाहिए. सरकार के रवैये से नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि आदेश आए हुए लंबा समय बीत चुका है. सरकार जब तक कुछ करेगी, तब तक तीसरी लहर भी बीत चुकी होगी. कोर्ट ने कहा कि सरकार पहले भी समय मांग चुकी है. अब वह 11 सितंबर तक जवाब दाखिल कर दे.

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