सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की कांग्रेस घोषणा पत्र के खिलाफ मुतलिक की याचिका
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के घोषणा पत्र को चुनौती देने वाली याचिका आज खारिज कर दी;
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के घोषणा पत्र को चुनौती देने वाली याचिका आज खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने राष्ट्रीय हिन्दू सेना के प्रमुख प्रमोद मुतलिक की याचिका खारिज करते हुए कहा कि एक बार चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद वह इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े समुदाय का उल्लेख करने और उनके कल्याण का आश्वासन देने या उत्थान की बात करने को धर्म के आधार पर वोट की अपील नहीं कहा जा सकता।
सुनवाई शुरू होते ही मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता से पूछा कि वह किस हैसियत से यहां आये हैं। इस पर उन्होंने कहा, “मैं एक मतदाता हूं। मैं चुनाव को चुनौती नहीं दे रहा हूं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र पर सवाल खड़ा कर रहा हूं।’’
न्यायमूर्ति मिश्रा ने इस पर कहा कि चुनाव लड़ने के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत चुनौती नहीं दी जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि अब चुनाव को 48 घंटे बचे हैं, इस अवस्था में कोई हस्तक्षेप किया भी नहीं जा सकता।
इसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद हम याचिका में हस्तक्षेप के पक्ष में नहीं हैं। चुनाव की समाप्ति के बाद याचिकाकर्ता जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।”
याचिका में आरोप लगाया था कि कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में धर्म के आधार पर वोट मांग रही है। याचिकाकर्ता की ओर से कल मामले का विशेष उल्लेख करते हुए त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया गया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने सुनवाई के लिए आज की तारीख मुकर्रर की थी।