सुप्रीम कोर्ट ने कामिनी जायसवाल की जनहित याचिका खारिज की

 उच्चतम न्यायालय ने राजधानी के पटियाला हाउस कोर्ट हिंसा मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराये जाने संबंधी वरिष्ठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल की जनहित याचिका आज खारिज कर दी।;

Update: 2018-01-24 13:15 GMT

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राजधानी के पटियाला हाउस कोर्ट हिंसा मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराये जाने संबंधी वरिष्ठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल की जनहित याचिका आज खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि वह गड़े मुर्दा उखाड़ना नहीं चाहती। न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, “इस घटना को दो साल हो गये और हम नहीं चाहते कि फिर से मुर्दे में जान डालने की कोशिश की जाये।”

यह मामला तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ नेता कन्हैया कुमार के साथ पटियाला हाउस कोर्ट में मारपीट और हिंसा से जुड़ा है। जायसवाल ने अपनी याचिका में तीन वकीलों के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी करने की मांग की थी।

याचिका में कहा गया था कि वकील विक्रम सिंह, यशपाल सिंह और ओम प्रकाश शर्मा ने शीर्ष अदालत के आदेश की अवमानना की थी और कन्हैया कुमार पर हमले किये थे।  उनका आरोप था कि इन तीनों ने ही पटियाला हाउस कोर्ट में हुए हमले का प्रतिनिधित्व किया। सुश्री जायसवाल की ओर से जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने जिरह की थी। 
 

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