राम मंदिर मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वमान्य होगा: नाईक

राम मंदिर के निर्माण पर मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देने से बचते हुये उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने आज कहा कि इस मसले में उच्चतम न्यायालय का फैसला सर्वमान्य होगा;

Update: 2017-11-25 17:57 GMT

अयोध्या। अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि पर केवल राम मंदिर के निर्माण पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देने से बचते हुये उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने आज कहा कि इस मसले में उच्चतम न्यायालय का फैसला सर्वमान्य होगा।

36वें रामायण मेले के समापन के मौके पर यहां आये  नाईक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भागवत का बयान राजनीति से जुड़ा है और संवैधानिक पद पर आसीन होने के कारण वह इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। वैसे भी यह  भागवत के निजी विचार हैं।इसलिये उनका इस विषय पर बोलना ठीक नही है।

उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है इसलिये न्यायालय जो फैसला करेगी उसी को देशवासी मानेंगे। इससे पहले अपने संबोधन में नाईक ने रामायण को दुनिया का अनूठा ग्रंथ बताते देते हुये कहा कि राम ने जो आदर्श तथा चरित्र प्रस्तुत किये हैं यदि उसका थोड़ा सा अंश भी मानव अपने जीवन में उतार ले तो मानवता को एक दिशा दे सकता है।

देश रामलीला को प्रतिवर्ष देखता है लेकिन उससे ऊबता नहीं है। मानवीय मूल्यों व नैतिकता की शिक्षा देने वाले इस अनूठे ग्रंथ से अनुशासित जीवन जीने की शिक्षा मिलती है।

उन्होंने रामायण की लिखी चौपाई को भी पढ़कर बताया कि अगर अपने जीवन में अमल किया जाय तो देश कितनी तेजी से विकास करेगा। उन्होंने रामायण का साहित्यिक महत्व बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में बहुत कुछ ऐसा है जिससे सीख ली जा सकती है। यहाँ आदमी-आदमी के बीच कायम सद्भाव और पारिवारिक एकता से निश्चित तौर पर तनाव कम होता है।

उन्होंने कहा कि समाजवादी विचारक डा. राम मनोहर लोहिया ने रामायण मेले की शुरुआत की थी। इससे लगता है कि पूरा समाज श्रीराम के आदर्शों को मानता है।

 

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