पीएलएफआई के 7 सदस्यों के खिलाफ अनुपूरक आरोप-पत्र दाखिल

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पीएलएफआई के सात सदस्यों के खिलाफ अनुपूरक आरोप-पत्र दाखिल की है।;

Update: 2020-02-15 17:19 GMT

नई दिल्ली | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पीएलएफआई के सात सदस्यों के खिलाफ अनुपूरक आरोप-पत्र दाखिल की है। एजेंसी ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी। पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) एक प्रतिबंधित माओवादी संगठन है। विदेश निर्मित हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी के संबंध में एनआईए द्वारा आरोप-पत्र दाखिल किए गए हैं।

आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी ने झारखंड के रांची में विशेष एनआईए अदालत में शुक्रवार को सात आरोपियों के खिलाफ पहला अनुपूरक आरोप-पत्र दाखिल किया।

गुलाब कुमार यादव, रवि यादव, राकेश कुमार पासवान, संतोष यादव ए.के.ए. टाइगर, सुरेश यादव, परमजीत मोची और पवन कुमार यादव के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया है। पवन झारखंड के लातेहार का रहने वाला है, जबकि अन्य सभी चतरा जिले के निवासी हैं।

एनआईए ने कहा कि उन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दिल्ली में एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि सातों आरोपी पीएलएफआई के सदस्य हैं। वे सरकारी विकास परियोजनाओं और ट्रांसपोर्टरों के ठेकेदारों से धमकी देकर वसूली किया करते थे।

एनआईए अधिकारी ने दावा किया कि उनसे वसूली गई रंगदारी का इस्तेमाल न केवल 'आतंकी गतिविधियों' के लिए किया गया था, बल्कि अचल संपत्तियों के 'अधिग्रहण' के लिए भी इस धन का इस्तेमाल हुआ।

अधिकारी ने आगे कहा, "आरोप-पत्र में नामजद छह आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है और वे अभी न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि एक आरोपी मोची अभी भी फरार है।"
 

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