साइकिल यात्रा से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दे रही सुनीता गुर्जर
रेवाड़ी की सुनीता गुर्जर बदलते पर्यावरण को देखते हुए ग्लेशियर एवं बेटी बचाने और बेटियों को पढ़ाने का संदेश देने के लिए साइकिल से देश भ्रमण कर रही है;
झुंझुनू। हरियाणा सरकार के बेटी बचाओं एवं बेटी पढाओं अभाियान की ब्रांड अम्बेस्डर रेवाड़ी की सुनीता गुर्जर बदलते पर्यावरण को देखते हुए ग्लेशियर एवं बेटी बचाने और बेटियों को पढ़ाने का संदेश देने के लिए साइकिल से देश भ्रमण कर रही है।
सुनीता का कहना है कि बेटियों को बचाने एवं उन्हें पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही ग्लेशियर को बचाने के लिए पौधरोपण को बढ़ावा देना आवश्यक है।
कन्या कुमारी से कश्मीर तक साइकिल यात्रा पर निकली सुनीता गुर्जर ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2011 में एवरेस्ट फतह किया था।
उस समय के ग्लेशियर और आज के ग्लेशियर में काफी बदलाव आ गया है। यह सब पर्यावरण असंतुलन के कारण हुआ है। पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए यात्रा के दौरान सुनीता स्कूलों में जाकर पौधरोपण करती हैं और लोगों को पर्यावरण सरंक्षण एवं बेटियों को बचाने व पढ़ाने का संदेश देती है। अपनी यात्रा के दौरान वह अब तक 210 पौधे लगा चुकी है।
वह रोजाना 110 से 240 किमी का सफर तय कर रही है। उनका कहना है कि बेटियां किसी से कम नहीं है। इस सोच को आगे बढ़ाने के लिए वे साइकिल से यात्रा पर निकली है। उनका दावा है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश लेकर साइकिल यात्रा पर निकली वह पहली महिला हैं।
उन्होंने कहा कि यात्रा में देशवासियों का पूरा सहयोग मिल रहा है। इससे पहले झुंझुनू पहुंचने पर सुनीता गुर्जर का गुर्जर समाज की ओर से अभिनंदन पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सुनीता ने अपनी साइकिल यात्रा पिछले माह 15 जुलाई को कन्या कुमारी स्थित रॉक मेमोरियल से प्रारंभ की थी। वह अब तक तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात होकर झुंझुनू पहुंची है।
वे हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश होकर जम्मू कश्मीर में खारडूंगला लेह लद्दाख 18 हजार 380 फीट ऊंचाई पर जाकर अपनी यात्रा का समापन इस माह के अंत में करेंगी।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सुनीता को पिछले साल राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। उसे भारत गौरव बीएसएफ डॉटर अवार्ड भी प्राप्त हो चुका है।