सफलता डिग्रियों से नहीं आत्मविश्वास से मिलती है : वांगचुक

फेल होने के बाद सफल होने के लिए आदमी सौ तरीके सोचता है, विफलता ही सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है, बच्चा खड़ा होकर गिरेगा नहीं तो वह हमेशा घुटने के बल ही चलता रहेगा;

Update: 2018-04-07 13:44 GMT

ग्रेटर नोएडा। फेल होने के बाद सफल होने के लिए आदमी सौ तरीके सोचता है, विफलता ही सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है, बच्चा खड़ा होकर गिरेगा नहीं तो वह हमेशा घुटने के बल ही चलता रहेगा। यह बात शुक्रवार को सोनम वांग चुक ने नॉलेज पार्क स्थित एनआईईटी कॉलेज ग्राउंड पर बी जॉब गिवर्स-नॉट जॉब सीकर्स कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर कहा।

इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. कर्ण सिंह, मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. ओपी. अग्रवाल संस्थान के मेंटर अशोक सिंह, संस्थान की अति प्रबंध निदेशिका डॉ. नीमा अग्रवाल, संस्थान के कार्यकारी उपाध्यक्ष रमन बत्रा, संस्थान के निदेशक डॉ. अजय कुमार उपस्थित रहे। थ्री इडियट में आमिर खान ने जिस फुंगशुक वांगड़ू की भूमिका निभाई थी वह किरदार सोनम वांग चुक से ही लिया गया था।

वांगचुक लद्दाख के इंजीनियर, इनोवेटर व शिक्षा सुधारक हैं। वह लद्दाख स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट्स संस्था के संस्थापक निदेशक हैं। वांगचुक ने इस संस्था के कैंपस को स्वयं डिजाइन किया और सोलर एनर्जी से ही इस कैंपस की सभी जरूरतें पूरी कराईं।  एनआईईटी संस्थान में चार हजार से अधिक युवाओं को जॉब गिवर बनने की प्रेरणा देते हुए कहा हमें भी विश्व के साथ चलना होगा, सफलता डिग्रियों से नहीं आपके आत्मविश्वास से मिलती है। यह हमारी विड बना है कि हमारे देश में मजदूरों का सम्मान नहीं होता इसलिए हाथ के कारीगर भी विश्वस्तरीय नहीं बनते। 

युवाओं को मेरा संदेश है कि अपने मालिक खुद बनो, असफलता के डर से बाहर निकलो क्यूंकि हम सबमें ईश्वर बसता है। याद रखो असफलता हमें सोचने को मजबूर करती है, हमें विनम्र बनाती है और सफलता यदि जल्दी मिल जाए तो अहंकार पैदा कर देती है, इसलिए असफलता तो जीवन में सफलता के लिए जरूरी तत्वों में से एक है। उन्होंने छात्रों का आवाहन किया कि सफल होने के लिए कभी अनैतिक संसाधनों का सहारा मत लेना और केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं जीव मात्र और प्रकृति का ध्यान रखना। 


मुख्य अतिथि डॉ. कर्ण सिंह ने युवाओं को जॉव गिवर बनने के लिए जरूरी अवयवों के विषय में बताया उन्होंने बताया कि आप दूसरों को देने की तब ही सोच सकते हैं जब आपका अंत:करण इस प्रेरणा से भरा हो। उन्होंने कहा उठो जागो व नए भारत का निर्माण करो, समय पर आर भ करना बहुत जरूरी है जो समय का आदर नहीं करते समय भी उनका आदर नहीं करता।

कार्यक्रम में उभरते हुए संगीतज्ञ सिद्दार्थ मोहन ने युवाओं में ऊर्जा का संचार किया उनकी प्रश्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर केंद्रीय भविष्य निधि के कमिशनर वी. पी. जॉय, अखिल भारतीय तकनीकी संस्थान के स्किल डेवलपमेंट विभाग के निदेशक डॉ आर. एस. राठौर, डालमिया ग्रुप के एच आर हेड  अजीत मेनन, स्टेलर ग्रुप के चेयरमैन रविमोहन सेठी मौजूद रहे।
 

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