प्रायोगिक परीक्षा में कम अंक दिये जाने से छात्र मेरिट से चूके

प्राध्यापक जो अपने बच्चो से पूर्वाग्रह व द्वेष रखते हो, उन्हें महाविद्यालय में पढ़ाने का कोई हक नही है;

Update: 2018-10-06 15:53 GMT

बेमेतरा। शासकीय पी. जी. महाविद्यालय में रसायन षास्त्र के महिला प्राध्यापक द्वारा पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर अध्ययनरत प्रतिभावान विद्यार्थियो को जानबूझकर प्रायोगिक परीक्षा में कम अंक प्रदान किया गया है।

जिसके वजह से उन विद्यार्थियों को विष्वविद्याालय के प्रावीण्य सूची में स्थान नही मिल पाया। उक्ताषय का आरोप लगाते हुए एबीवीपी के नगर मंत्री नीतू कोठारी व जिला संयोजक मनोज वैष्णव एवं अन्य ने प्रेस को जारी पत्र में बताया है कि बीते 20 वर्षो से इसी कॉलेज में पदस्थ महिला प्राध्यापक अध्ययनरत बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर उन्हें मेरिट सूची में आने से रोक देती है। जिससे महाविद्यालय के छात्रों में काफी रोष है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कलेक्टर को ज्ञापन सौप मांग किया है कि ऐसे प्राध्यापक जो अपने बच्चो से पूर्वाग्रह व द्वेष रखते हो, उन्हें महाविद्यालय में पढ़ाने का कोई हक नही है।

उन्हें न सिर्फ तत्काल प्रभाव से समस्त प्रभार वापस ले लिया जावे बल्कि पद से ही बर्खास्त कर दिया जावे। सुश्री नीतू कोठारी ने कहा है कि नगर के षासकीय पंडित ज.ला. नेहरू महाविद्याालय में लगभग 2 हजार छात्र अध्ययनरत है जहां स्वच्छता, षुद्ध पेयजल जैसी मूलभूत समस्याओ को भी दूर नही किया जा रहा है। वही कालेज में प्राध्यापको की कमी है, उपर से प्राध्यापक नियत समय पर कालेज नही आते है। जिससे छात्रो की पढ़ाई काफी प्रभावित हो रही है।

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