जेपी की मूर्ति के पास अखिलेश यादव न जाने देना लोकतंत्र और संविधान की हत्या : अखिलेश प्रसाद सिंह

सपा मुखिया अखिलेश यादव को लखनऊ स्थित जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (जेपीएनआईसी) जाने से रोकने पर हाईवोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया है;

Update: 2024-10-11 17:42 GMT

लखनऊ। सपा मुखिया अखिलेश यादव को लखनऊ स्थित जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (जेपीएनआईसी) जाने से रोकने पर हाईवोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया है।

शुक्रवार सुबह से अखि‍लेश यादव के निवास के बाहर बैरिकेडिंग और भारी संख्‍या में पुल‍िस बल तैनात कर द‍िया गया। इस पर सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन शुरू कर द‍िया।

जेपी कन्वेशन सेंटर जाने से रोके जाने के बाद अखिलेश यादव ने घर में लगी जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि समाजवादी धारा के बड़े नेता मुलायम सिंह यादव जेपी आंदोलन में अग्रणी नेताओं में गिने जाने जाते थे। अखिलेश यादव को उनकी मूर्ति पर जाने से रोकना लोकतंत्र और संविधान का गला घोंटने जैसा है। इसकी हम लोग निंदां करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार संविधान को बदलने पर तुली हुई है। ऐसे में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के विवेक पर निर्भर करता है कि वह भाजपा के साथ रहना चाहते हैं या नहीं। यह उन्हीं के विवेक पर छोड़ा जाना चाहिए।

सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने इस मामले पर कहा कि कमजोर सरकार, लाचार सरकार, बेईमान सरकार, भ्रष्टाचारी सरकार, लोकतंत्र को खत्म करने वाली सरकार क्या जेपीएनआईसी जाने से रोक पाएगी।

समाजवादी पार्टी की नेता जूही सिंह ने कहा कि यह सरकार लोकतंत्र से डरती है, आवाजों से डरती है। केवल माल्यार्पण का कार्यक्रम था लेकिन हमें क्यों रोका गया है?

आपको बता दें कि पिछले साल भी सपा को इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं मिली थी। तब अखिलेश एलडीए की बनाई लोहे की चादर की आठ फीट की दीवार फांदकर जेपी सेंटर के भीतर प्रवेश कर गए थे। इस बार सपा ने एलडीए को पत्र भेजकर जेपी सेंटर में अखिलेश यादव के पुष्पांजलि के कार्यक्रम की सूचना भेजी थी।

 

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