4 जनवरी को होगी शंभू बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत

किसानों का आंदोलन मोदी सरकार के लिए मुश्किल का सबब बन गया है। किसान लगभग एक साल से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अबतक उनकी समस्याओं का हल नहीं निकाला गया और अब नए साल की शुरुआत के साथ ही शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों ने अपने आंदोलन का रुख तय करने के लिए बैठक बुलाई थी;

Update: 2025-01-01 18:48 GMT

पंजाब। किसानों का आंदोलन मोदी सरकार के लिए मुश्किल का सबब बन गया है। किसान लगभग एक साल से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अबतक उनकी समस्याओं का हल नहीं निकाला गया और अब नए साल की शुरुआत के साथ ही शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों ने अपने आंदोलन का रुख तय करने के लिए बैठक बुलाई थी।

शंभू बॉर्डर पर एक बार फिर किसानों का जत्था इकट्ठा हुआ है। किसानों ने आगामी साल में अपने आंदोलन की रूप रेखा तैयार करने के लिए बड़ी बैठक बुलाई थी।

सरवन सिंह पंधेर के नेतृत्व में इस बैठक में किसानों ने अपनी मांगे पूरी होने तक शंभु बॉर्डर पर ही डेरा जमाने का फैसला किया है। मीटिंग में तय हुआ है कि 6 जनवरी को श्री गुरु गोबिंद के प्रकाश पर्व शंभू बॉर्डर पर मनाया जाएगा। किसानों ने पटियाला के पास के गांवों से अपील की है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग मोर्चे में पहुंचे। इसमें किसान जत्थेबंदियां अपने कैडर समेत शामिल होंगी। बैठक में मांग उठी कि पंजाब सरकार के विटंर सेशन में केंद्र सरकार द्वारा जारी कृषि मार्केटिंग पॉलिसी के ड्रॉफ्ट को रद्द किया जाए और किसानों की अन्य 13 मांगों के हक में पंजाब सरकार प्रस्ताव पास करे।

किसानों ने कहा कि आने वाले वक़्त में शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले किसानों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी वहीं दिल्ली कूच को लेकर भी इस बैठक में चर्चा की गई.. हालांकि फिलहाल कोई तारीख सामने नहीं आई है लेकिन जल्दी ही इसका ऐलान हो जाएगा। इसके साथ ही किसानों ने ये भी साफ़ कर दिया है कि जब तक केंद्र सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस फैसला नहीं लेती, तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा। वहीं खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन को 37 दिन बीत गए। ऐसे में अब खनौरी बॉर्डर संघर्ष का केंद्र बिंदु बन गया है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब 4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर किसानों की ओर से महापंचायत की जाएगी।

किसानों का कहना है कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत बहुत गंभीर है इसलिए कोई भी हमें नए साल की बधाई संदेश न भेजे। यह समय खुशी का नहीं बल्कि बड़ी चुनौतियों का सामना करने का है। सभी साथी 4 जनवरी को सुबह 10 बजे खनौरी किसान मोर्चा पर अवश्य पहुंचें। साथ ही इस आंदोलन को सफल बनाने में सहयोग करें।

 

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