वायु प्रदूषण रोकने के लिए 54,000 चालान, 56 कंस्ट्रक्शन साइट बंद

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट नहीं रखने वाले लगभग 54,000 वाहनों का चालान किया गया है;

Update: 2024-11-03 21:35 GMT

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट नहीं रखने वाले लगभग 54,000 वाहनों का चालान किया गया है। वहीं, करीब 3,900 से अधिक ऐसे वाहनों को जब्त किया गया है, जिनकी समय सीमा पूरी हो चुकी है। इसके अलावा 56 कंस्ट्रक्शन साइटों को बंद करा दिया गया है। सारी कार्रवाई दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से की गई है।

अब दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए इन प्रयासों को और तेज किया जाएगा। दरअसल, पूरे एनसीआर में 15 अक्टूबर से ग्रेप का पहला चरण और 22 अक्टूबर से ग्रेप का दूसरा चरण लागू है। 15 से 31 अक्टूबर तक की अवधि के दौरान, क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई निवारक उपाय शुरू किए गए। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को जब्त करने के अलावा प्रदूषण रोकने के लिए अन्य कई कार्रवाइयां की जा रही हैं।

निगरानी के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक ग्रेप निगरानी नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है। यह निगरानी नियंत्रण कक्ष पूरे सप्ताह चालू रहता है।

ग्रेप के अनुसार, वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपायों का पालन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित एजेंसियों द्वारा सीएंडडी साइटों का निरीक्षण तेज कर दिया गया है। ऐसे निरीक्षणों के आधार पर, नियमों का पालन नहीं करने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पूरे एनसीआर में 7,000 से अधिक सीएंडडी साइटों का निरीक्षण किया गया और 597 गैर-अनुपालन साइटों पर पर्यावरण मुआवजा (ईसी) लगाया गया है। वहीं, 56 साइटों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि सड़कों की धूल को नियंत्रित करने के लिए मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन, वाटर स्प्रिंकलर और एंटी स्माॅग गन तैनात की गई हैं। धूल प्रदूषण को उसके स्रोत से ही नियंत्रित करने के लिए, पूरे एनसीआर में रोड स्वीपिंग मशीन, वॉटर स्प्रिंकलर और एएसजी की संख्या बढ़ा दी गई है।

अगर दिल्ली की बात की जाए तो अकेले दिल्ली में प्रतिदिन औसतन 81 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन तैनात की गई हैं, जबकि हरियाणा और यूपी में, सड़कों पर धूल प्रदूषण रोकने के लिए प्रतिदिन 36 एमआरएसएम तैनात हैं। इसी तरह, पूरे एनसीआर में दैनिक आधार पर औसतन लगभग 600 वाटर स्प्रिंकलर और एंटी स्माॅग गन तैनात की गई हैं।

पीयूसी नहीं रखने, प्रत्यक्ष रूप से प्रदूषण फैलाने, कचरा ले जाने आदि के मामलों में वाहनों का चालान करने के लिए गहन अभियान चलाया गया। सड़क पर चल रहे अधिक उम्र वाले वाहनों को भी जब्त कर लिया गया। लगभग 54,000 वाहनों का चालान किया गया। जबकि, करीब 3,900 अधिक उम्र वाले वाहनों को जब्त किया गया है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक पूरे एनसीआर में अवैध डंपिंग साइटों के लिए गहन निरीक्षण किए गए। अवैध स्थलों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की गई। ऐसे 5,300 से अधिक निरीक्षण किए गए। एनसीआर की एजेंसियों द्वारा करीब 1,400 उद्योगों और 1,300 डीजी सेटों का निरीक्षण किया गया और अनुपालन न करने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

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