राज्यों को 33 प्रतिशत महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति के निर्देश
केंद्र सरकार ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि राज्यों से विभिन्न दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि पुलिस बल में महिलाओं को प्रतिनिधित्व 33 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए।;
नई दिल्ली | केंद्र सरकार ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि राज्यों से विभिन्न दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि पुलिस बल में महिलाओं को प्रतिनिधित्व 33 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए।
गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को बताया कि फिलहाल देश में एक जनवरी 2022 तक महिला पुलिस कर्मियों की भागीदारी 11.75 प्रतिशत ही है। वहीं पुलिस में महिलाकर्मियों की सबसे ज्यादा भागेदारी लद्दाख में 28.34 फीसदी है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) द्वारा पुलिस संगठनों के संबंध में संकलित किये गये आंकड़ों के मुताबिक, दिनांक एक जनवरी 2022 की स्थिति के अनुसार अखिल भारतीय स्तर पर महिला पुलिस कार्मिकों का प्रतिशत 11.75 फीसदी है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने महिला पुलिस के प्रतिनिधित्व को बढ़ाकर कुल 33 फीसदी करने के लिए सभी राज्य सरकारों को विभिन्न अवसरों पर 22 अप्रैल 2013 से लेकर 13 अप्रैल 2022 तक एडवाइजरी भेजी है।
नित्यानंद राय ने बताया कि सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि वे कांस्टेबलों व उपनिरिक्षकों के रिक्त पर्दो को परिवर्तित करके महिला कांस्टेबलों/ उप निरीक्षकों के अतिरिक्त पद सृजित करें। इसका उद्देश्य यह है कि प्रत्येक पुलिस स्टेशन में कम से कम 3 महिला उप-निरीक्षक और 10 महिला पुलिस कांस्टेबल होने चाहिए, ताकि महिला हेल्प डेस्क चौबीसों घंटे काम कर सके।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पुलिस में महिलाकर्मियों की सबसे ज्यादा भागेदारी लद्दाख में 28.3 फीसदी है। वहीं आंध्र प्रदेश में 21.7 फीसदी, चंडीगढ़ में 21.6 फीसदी और बिहार में 21.2 फीसदी भागेदारी है। गौर करने वाली बात ये है कि पुलिस में महिलाओं की सबसे कम हिस्सेदारी वाला राज्य जम्मू-कश्मीर है जिसमें महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 3.2 फीसदी है।