एसपीजी विधेयक राज्यसभा में पारित, कांग्रेस और वामदलों का बहिर्गमन

एसपीजी संशोधन बिल 2019 राज्यसभा से भी पास हो गया है। यह बिल लोकसभा से पहले ही पास हो चुका है;

Update: 2019-12-03 18:47 GMT

नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के घर पर सुरक्षा चूक के मामले में तीन सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया गया है और इसकी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिये गये हैं।

शाह ने  आज राज्यसभा में एसपीजी सुरक्षा संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में बताया कि इस मामले में तीन सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया गया है और इसकी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि यह 25 नवंबर का मामला है।

गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सांसद और श्रीमती वाड्रा के भाई राहुल गांधी तथा उनके पति राबर्ट वाड्रा अमूमन उनसे मिलने के लिए सीधे चले जाते हैं और उनकी गाडियों को जांच के लिए रोका नहीं जाता है। उस दिन भी सुरक्षाकर्मियों को सूचना दी गयी थी कि श्री गांधी काले रंग की टाटा सफारी में उनसे मिलने के लिए आयेंगे।

 शाह ने कहा कि उस दिन गांधी के आने के समय ही एक काले रंग की टाटा सफारी प्रियंका गांधी वाड्रा के निवास के पास आयी और अंदर प्रवेश कर गयी। बाद में पता चला कि उस गाडी में कांग्रेस की मेरठ जिले की कार्यकर्ता शारदा त्यागी आयी थी। उनके साथ कुछ और लोग भी थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

वामदलों के इस आरोप कि यह विधेयक राजनीतिक बदले की भावना से लाया गया है श्री शाह ने कहा कि वामदलों को राजनीतिक बदले की बात करने का अधिकार नहीं है क्योंकि केरल में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 120 कार्यकर्ताओं की हत्या की गयी है। इसका वामदलों और कांग्रेस के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया।  शाह ने कहा कि केरल में राजनीतिक हत्या वामदलों और कांग्रेस दोनों के शासन में हुई है और इसका खामियाजा भाजपा कार्यकर्ताओं को उठाना पड़ा है।

विधेयक में प्रावधान है कि एसपीजी सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री और उनके अधिकृत आवास पर रहने वाले उनके परिजनों को ही दी जायेगी। प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री और उनके साथ रहने वाले परिजनों को केवल पांच वर्ष तक एसपीजी सुरक्षा मिलेगी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के घर पर सुरक्षा में चूक के मामले पर श्री शाह ने कहा कि तीन सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया गया है और इसकी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि यह 25 नवंबर का मामला है। गृह मंत्री ने कहा कि अमूमन कांग्रेस सांसद और श्रीमती वाड्रा के भाई राहुल गांधी तथा उनके पति राबर्ट वाड्रा उनसे मिलने के लिए सीधे चले जाते हैं और उनकी गाडियों को जांच के लिए रोका नहीं जाता है। उस दिन भी सुरक्षाकर्मियों को सूचना दी गयी थी कि श्री गांधी काले रंग की टाटा सफारी में उनसे मिलने के लिए आयेंगे।

 शाह ने कहा कि उस दिन  गांधी के आने के समय ही एक काले रंग की टाटा सफारी प्रियंका गांधी वाड्रा के निवास के पास आयी और अंदर प्रवेश कर गयी। बाद में पता चला कि उस गाडी में कांग्रेस की मेरठ जिले की कार्यकर्ता शारदा त्यागी आयी थी। उनके साथ कुछ और लोग भी थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
इससे पहले मनोनीत के टीएस तुलसी ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सुरक्षा के मामले में राजनीति नहीं की जानी चाहिए और यह सरकार का दायित्व है। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद यह सामने आया था कि उनकी सुरक्षा हटाया जाना इसका एक प्रमुख कारण था। उन्होंने गृह मंत्री से कहा कि यदि गांधी परिवार के सदस्यों की जान को अब खतरा नहीं होने की कोई रिपोर्ट है तो उसे सदन में रखा जाना चाहिए।

वाईएसआर कांग्रेस के विजय साईं रेड्डी ने कहा कि एसपीजी सुरक्षा किसी परिवार के नाम पर नहीं बल्कि वास्तविक खतरे के आधार पर दी जानी चाहिए।
राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने पूर्व प्रधानमंत्री की एसपीजी सुरक्षा पांच साल बाद हटाये जाने के प्रावधान पर सवाल उठाया।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम ने कहा कि गांधी परिवार के सदस्यों की एसपीजी सुरक्षा देश के लिए महत्वपूर्ण है और इस मामले में बदले की राजनीति के आधार पर निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए।

भाजपा के सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि एसपीजी सुरक्षा में संशोधन बहुत पहले किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि दो पूर्व प्रधानमंत्रियों की हत्या की बात कई सदस्यों ने कही है लेकिन उनकी हत्या का सुरक्षा में कमी से कुछ लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी पर हमले के बारे में गुप्तचर ब्यूरो ने पहले ही जानकारी दी थी और उनकी हत्या उनके घर में ही हुई।

कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद ने कहा कि एसपीजी सुरक्षा हटाने का निर्णय खतरे के आधार पर लिया जाना चाहिए और राजनीतिक आधार पर लिया गया निर्णय स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और कांग्रेस पार्टी के सिद्धांत से देश में बहुत लोग नाराज हैं। इसलिए उनकी जान को खतरा है। उन्होंने गृह मंत्री से विधेयक को वापस लेने का अनुरोध किया।

भाजपा के जी वी एल नरसिम्हन ने कहा कि इस विधेयक के प्रावधानों से प्रधानमंत्री की सुरक्षा मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को जिहाद्दियों और आतंकवादियों से बड़ा खतरा है।

शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल , बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा और मनोनीत नरेन्द्र जाधव ने कहा कि एसपीजी सुरक्षा खतरे के आकलन के आधार पर दी जानी चाहिए। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पांच बार हमलों का हवाला देते हुए कहा कि अब तक इन मामलों में किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी है।
 

 

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