'जी राम जी विधेयक' को राष्ट्रपति मुर्मू ने दी मंजूरी, 125 दिनों तक बढ़ी ग्रामीण रोजगार गारंटी
VB-G RAM G बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इसी के साथ अब यह बिल कानून बन गया है। यह अब 20 साल पुराने कानून मनरेगा की जगह लेगा। नए कानून के तहत ग्रामीण मजदूरों को 100 के बदले 125 दिन का रोजगार मिलेगा।;
नई दिल्ली। विपक्ष के विरोध के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार (21 दिसंबर) को विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) गारंटी बिल, 2025 (वीबी-जी राम जी) को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ यह बिल कानून बन गया। इससे पहले यह बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका था। नए कानून के तहत अब ग्रामीण परिवारों को प्रति वित्त वर्ष 125 दिन का वैधानिक मजदूरी रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा, जो पहले 100 दिन था।
सरकार इस बिल को अगले साल ( 2026) से 1 अप्रैल से लागू करने की तैयारी में है। यह प्रस्तावित कानून 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह लेगा। इस बिल के तहत रोजगार की वैधानिक गारंटी अब 100 दिनों की बजाय 125 दिनों तक बढ़ गई है।
मनरेगा की जगह लेगा बिल
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक यह बिल मनरेगा की जगह लेगा और इसे विकसित भारत 2047 के विजन के अनुरूप तैयार किया गया है। सरकार का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में आय सुरक्षा को मजबूत करने के साथ टिकाऊ और उत्पादक परिसंपत्तियों का निर्माण करना है, ताकि समावेशी और संतुलित विकास को बढ़ावा मिल सके।
125 दिन का रोजगार
कानून के प्रावधानों के तहत इच्छुक ग्रामीण परिवारों को न्यूनतम 125 दिन का रोजगार देना सरकार की वैधानिक जिम्मेदारी होगी। मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक या अधिकतम 15 दिनों के अंदर करना अनिवार्य किया गया है। तय समयसीमा के भीतर भुगतान नहीं होने पर देरी का मुआवजा देने का भी प्रावधान रखा गया है।
विपक्ष ने किया विरोध
बीते गुरुगुवार को संसद में विपक्ष के विरोध के बीच जी राम जी विधेयक पारित हुआ। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी के आदर्शों की हत्या की, जबकि मोदी सरकार ने उन्हें जिंदा रखा है। मंत्री ने मनरेगा योजना की जगह नया विधेयक लाने और उसमें से महात्मा गांधी का नाम हटाने को लेकर विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।