भाजपा का सिद्धांत ‘एक का धंधा, एक से चंदा’, वह हर बड़े कारोबार को गिने-चुने हाथों में समेटने की कर रही कोशिश : अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि वह देश को ‘एक देश, एक कारोबारी’ की दिशा में ले जाने के गोपनीय एजेंडे पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा का सिद्धांत अब ‘एक का धंधा, एक से चंदा’ बन चुका है, जिसके तहत देश के हर बड़े कारोबार को गिने-चुने हाथों में समेटने की कोशिश की जा रही है;

Update: 2025-12-21 09:24 GMT

‘एक देश, एक कारोबारी’ का एजेंडा देश के लिए घातक: अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि वह देश को ‘एक देश, एक कारोबारी’ की दिशा में ले जाने के गोपनीय एजेंडे पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा का सिद्धांत अब ‘एक का धंधा, एक से चंदा’ बन चुका है, जिसके तहत देश के हर बड़े कारोबार को गिने-चुने हाथों में समेटने की कोशिश की जा रही है।

रविवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा नेतृत्व चंदे की सुविधा के लिए अलग-अलग जगह न जाकर, पूरे आर्थिक तंत्र को कुछ चुनिंदा लोगों के नियंत्रण में देना चाहता है। अपने पैसों की “महाभूख” को पूरा करने के लिए सरकार और संगठन में ऐसे लोगों को बैठाया गया है, जो बिना किसी सवाल-जवाब के हर फैसले पर हामी भरते हैं।

उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी देश के लिए एकाधिकार की भावना घातक होती है चाहे वह राजनीतिक हो, आर्थिक हो या सामाजिक। आज भाजपा सरकार जिस तरह से नीतियों और नियम-कानूनों में बदलाव कर अन्य औद्योगिक घरानों को कमजोर कर रही है और आर्थिक गतिविधियों को चुनिंदा समूहों तक सीमित कर रही है, उससे देश एक गंभीर और खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रहा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि इसका अगला परिणाम अनियंत्रित मुनाफ़ाखोरी, महंगाई और अंततः महा-भ्रष्टाचार के रूप में सामने आएगा। एकाधिकारवादी कंपनियों के फायदे के लिए नियम बदले जाएंगे, उपभोक्ताओं से मनमानी वसूली होगी और श्रमिकों का ‘कम धन-अधिक श्रम’ के उत्पीड़नकारी फार्मूले के तहत शोषण किया जाएगा। न किसानों की सुनी जाएगी और न ही पीडीए समाज की जिसका अर्थ है कि देश की लगभग 95 प्रतिशत आबादी शोषण का शिकार बनेगी।

अखिलेश यादव ने कहा कि अब समय आ गया है कि देश एकजुट होकर भाजपा से साफ कहे “एकाधिकार, नहीं स्वीकार!”

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