सपा 22 मुद्दों पर हर माह 22 तारीख को करेगी विरोध प्रदर्शन
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में यहां प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शनिवार को हुई बैठक में उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन हुआ;
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में यहां प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शनिवार को हुई बैठक में उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन हुआ। इस दौरान निर्णय लिया गया कि पार्टी हर माह की 22 तारीख को 22 मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया, "अखिलेश यादव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें लगभग सभी सदस्य मौजूद थे। 23 मार्च को तहसील स्तर पर डॉ. लोहिया की जयंती पर साइकिल यात्रा से जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद अप्रैल महीने से हर 22 तारीख को धरना प्रदर्शन होगा। 22 तारीख वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रखी गई है। इसमें 22 मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।"
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने समाजवादी बुलेटिन को भी नए स्वरूप में लॉन्च किया। इस दौरान राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक प्रस्ताव पास कर केंद्र की नरेंद्र मोदी और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की गई। अब समाजवादी पार्टी हर महीने की 22 तारीख को धरना-प्रदर्शन करेगी।
चौधरी ने बताया कि बैठक में देश और प्रदेश की कानून-व्यवस्था, सीएए व आर्थिक नीतियों पर खास तौर पर चर्चा हुई। इसके साथ जनता से जुड़े मुद्दों पर पार्टी को और मुखर बनाने के लिए धरना-प्रदर्शन तथा आंदोलन की रूपरेखा भी बनी।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू होने के बाद समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक कई बयान जारी किए गए। इसमें केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार को कई मुद्दों पर घेरा गया है। बयान के मुताबिक, "आज आम भारतीय का आत्मबल टूट चुका है, वह निराश, उदास और कहीं क्रोध में है। सत्ता उसके लिए एक भयानक राक्षस की तरह है, जो हर पल उसका शोषण करती जा रही है।"
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में सभी राज्यों के सपा प्रदेश अध्यक्षों को भी बुलाया गया था। इसमें सपा नेता रामगोपाल यादव समेत कुल 50 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल रहे।