सुनामी से दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश सबसे अधिक प्रभावित हुए थे: ममता बनर्जी
हिन्द महासागर में 13 साल पहले आज ही के दिन आयी सुनामी के खौफनाक मंजर लोगों के जेहन में अभी तक मौजूद हैं;
कोलकाता। हिन्द महासागर में 13 साल पहले आज ही के दिन आयी सुनामी के खौफनाक मंजर लोगों के जेहन में अभी तक मौजूद हैं।
सुनामी ने भारत, इंडोनेशिया और श्रीलंका समेत कई दक्षिण-पूर्वी देशों को अपनी चपेट में लिया था।
सुनामी के भयावह दिन को याद करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर कहा कि इस त्रासदी से दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। त्रासदी में करीब दो लाख 30 हजार लोग मारे गए थे।
On this day in 2004, the tsunami had struck south-east Asia. Solemnly remembering the hundreds of thousands who died, including thousands in India, and those numerous whose lives were changed forever
भारत में दक्षिण तटीय क्षेत्र इस हादसे से सबसे अधिक प्रभावित रहे जहां हजारों लोगों की जान गयी थी और अनगिनत लोग लापता हो गए थे। हादसे की वजह से सुनामी प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोगों को पलायन करना पड़ा था तथा उनकी पूरी जिंदगी बदल गयी थी।
केन्द्र सरकार के मुताबिक इस हादसे में करीब 11000 लोग मारे गए थे और करीब पांच हजार लोग लापता हुए थे। लापता लोगों में से अनेक के मरने की आशंका जतायी गयी थी। आज के दिन 2004 में इंडोनेशिया में सुमात्रा के पश्चिमी तटीय केन्द्र बिन्दु से
9.1 तीव्रता वाले भयानक भूकंप के साथ सुनामी ने अपनी गर्जन से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को हिला डाला था। अब तक रिक्टर स्केल पर मापे गये भूकंपों में से यह सबसे अधिक तीव्रता वाला भूकंप था। भारत, थाईलैंड,इंडोनेशिया श्रीलंका और अन्य दक्षिण-एशियाई देशों के तटीय क्षेत्रों में 15 मीटर से भी ऊंची लहरों ने भारी तबाही मचाई थी।
इंडोनेशिया के तटीय क्षेत्रों को तबाह करने के कुछ ही क्षणों बाद सुनामी भारत में अंडमान-निकोबार द्वीप तक पहुंच गयी। उसने करीबन सभी दक्षिण राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया था। चेन्नई इस हादसे में सर्वाधिक प्रभावित शहरों में शामिल था।