इंजीनियरिंग कॉलेजों में कुछ दलित छात्र कर रहे है धोखाधड़ी

पलवल के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पिछले दो-तीन साल से एससी छात्रांे का धोखाधड़ी का खेल खूब चल रहा;

Update: 2017-08-25 14:12 GMT

पलवल। पलवल के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पिछले दो-तीन साल से एससी छात्राें का धोखाधड़ी का खेल खूब चल रहा है। कुछ स्थानीय छात्र सरकार की योजना का गलत फायदा उठा रहे हैं। यह बात अधिकतर इंजीनियरिंग कॉलेजों में सामने आई है। गौरतलब है कि पलवल में करीब 12 इंजीनियरिंग कॉलेज है। इन कॉलेजों में कुछ स्थानीय एससी छात्रों का स्कॉलरशिप के चक्कर में दाखिला लेने व बाद में छोड़ देने की बात सामने आई है। जिनका मकसद केवल धोखाधड़ी कर धन कमाना है। 

एेसे चलता है खेल :- ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ एससी छात्र पहले उक्त कॉलेजों में दाखिला ले लेते हैं तथा कॉलेज में अपनी दाखिला फीस भी भर देते हैं। मान लो किसी कोर्स की सालाना फीस 80 हजार रुपए है। जिसमें से 10 हजार रुपए दाखिला फीस छात्र ने जमा कर कॉलेज में दाखिला ले लिया। इसके बाद कुछ छात्र छह-सात माह तक नियमित रूप से आते हैं तथा कुछ छात्र कभी कभार आते हैं। इस बीच उनके अकाउंट में  करीब 60 हजार रुपए स्कॉलरशिप के रूप में  हरियाणा सरकार की तरफ से आ जाते हैं। अकाउंट में पैसा आते ही कुछ एससी छात्र कॉलेज से अपना नाता तोड़ लेते हैं। इस तरह उन्हें सीधे-सीधे 50 हजार रुपये बच जाते हैं। इसके बाद दूसरे वर्ष वे ही छात्र किसी अन्य कॉलेज में दाखिला लेकर वही तरीका अपनाते हैं।   
 

क्या कहते हैं शिक्षाविद :- सत्या इंजीनियरिंग कॉलेज के सीईओ डॉ. अमरीक सिंह व डीसीटीएम के चेयरमैन डा. प्रदीप कुमार का कहना है कि इस तरह के कई केस गत वर्ष भी आए थे और इस वर्ष भी आए हैं। इस वर्ष एेसे छात्राें की संख्या 20 से 40 के बीच है। विभाग की ओर से छात्रों की हाजिरी के लिए बायोमीट्रिक मशीन के निर्देश दिए गए थे।

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