विधायी प्रस्तावों के सामाजिक, आर्थिक आकलन जरूरी: वेंकैया

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने देश में कानून बनाने के क्रम में विधायी प्रस्तावों के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्थानिक आकलन करने की वकालत की हैं।;

Update: 2019-10-22 16:47 GMT

नई दिल्ली । राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने देश में कानून बनाने के क्रम में विधायी प्रस्तावों के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्थानिक आकलन करने की वकालत की हैं।

 नायडू ने आज यहां राज्यसभा के 151 नवनिर्वाचित कर्मचारियों एवं अधिकारियों के साथ अपनी मुलाकात में यह सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आकलन से बहुत फायदा होगा और कानून के बारे में जानकारियां फैल सकेंगी।

उन्होंने मंत्रिमंडल में विधेयकों पर चर्चा से पहले अन्तर मंत्रालयों में इस पर चर्चा होती रही है लेकिन ऐसे विधायी प्रस्तावों का असर लोगों पर कितना होता है, इसका आकलन अभी पूरी तरह नहीं किया गया। है। उन्होंने कहा कि कोई भी कानून बनाते हुए हमारे जीवन पर प्रदूषण का कितना असर पड़ता है, वह जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को जीवंत बनाने के लिए यह सब किये जाने से सफलता मिलेगी। यह पहला मौका है जब उपसभापति ने अपने विभाग के कर्मचारियों के साथ बातचीत की है। इन नये कर्मचरियों में 50 स्नातकोत्तर छात्र, 44 इंजीनियरिंग के छात्र, पांच कानून डिग्री धारक तथा दो निदेशक तथा दीपक वर्मा भी मौजूद थे।

Full View

Tags:    

Similar News