शर्मा गुड़ाखू फैक्ट्री हादसा : मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा, बेटियों की शादी और पढ़ाई का खर्च उठाने के साथ एक सदस्य को नौकरी

सदर बाजार स्थित शर्मा गुड़ाखू की फैक्ट्री में कल दोपहर को हुए अचानक एक हादसे में तीन मजदूरों की मौत हो गई थी;

Update: 2021-10-31 09:52 GMT

रायपुर। सदर बाजार स्थित शर्मा गुड़ाखू की फैक्ट्री में कल दोपहर को हुए अचानक एक हादसे में तीन मजदूरों की मौत हो गई थी जैसे ही जानकारी हुई प्रबंधन ने तत्काल में इन तीनों को हास्पिटल ले जाकर उपचार करवाते हुए बचानेे का भरसक प्रयास किया लेकिन बचाया नहीं जा सका। घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पूरा प्रबंधन मृतक सदस्यों के परिजनों के साथ एक परिवार की सदस्य की तरह खड़े रहे। जांच की प्रक्रिया में सभी जानकारी देने के साथ सहयोग किया। मृतक सदस्यों के परिजनों ने भी शर्मा गुड़ाखू प्रबंधन पर पूरा विश्वास व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्हे काम के दौरान किसी प्रकार की कभी परेशानी नहीं हुई।

शर्मा गुड़ाखू के संचालक सुनील शर्मा ने बताया कि हमने हमेशा ही पूरे गुप्र के कर्मचारियों को एक परिवार की तरह माना है। इस अचानक हुए हादसे को लेकर हमें भी बहुत दुख हैं। जहां तक गुड़ाखू निर्माण के दौरान किसी प्रकार चूक का प्रश्न है सवाल ही नहीं उठता। सुरक्षा के समुचित व्यवस्था है। लेकिन घटना घटित हुई है यह हम भी स्वीकार रहे हैं। इलाज के दौरान इन सदस्यों की मौत हुई है। इस मामले में प्रबंधन ने मृतक के एक सदस्य को नौकरी और 10.10 लाख रुपये मुआवजा देने के साथ ही बेटियों की शादी और पढ़ाई का खर्चा उठाने की घोषणा की। हर सुख दुख में हम पूरी तरह हमेशा सहभागी रहेंगे।

संचालक सुनील शर्मा ने बताया कि गुड़ाखू फैक्ट्री 40 साल से संचालित है और यहां तकरीबन 30 से 35 कर्मचारी काम करते हैं। सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक काम चलता है। नेतराम तकरीबन 30 साल से फैक्ट्री में काम कर रहा था। कंपनी का सुपरवाइजर भी था। प्रबंधन ने मृतकों के परिजनों को 10.10 लाख रुपये का मुआवजा देने के साथ ही एक सदस्य को नौकरी और बेटियों की शादीययशेष और पढ़ाई का का खर्चा उठाने की घोषणा की।

घटना में खमतराई निवासी 59 वर्षीय नेतराम साहू नेहरू नगर निवासी 28 वर्षीय पुरूषोत्तम साहू तथा दुर्ग आमापारा निवासी 40 वर्षीय निवासी जोगेश्वर उईके उर्फ जग्गू को जैसे ही पता चला तत्काल टैंक से बाहर निकाला गया और अस्पताल लेकर पहुंचे जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। संचालक का यह भी कहना है कि उस टैंक में कोई भी नहीं उतरता था  किस वजह से उतरे इसका पता नहीं चल सका है। सभी कर्मचारियों की सुरक्षा व स्वास्थ्य को लेकर कंपनी प्रबंधन हमेशा ही सतर्क व व्यवस्थित रहा है। सदस्य खुद भी घटना को लेकर अचंभित हैं। लेकिन दुख के क्षण में सभी साथ खड़े हैं।

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