शरीफ परिवार चुनाव तक जेल में रहेगा, अदालत ने अपील स्थगित की

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज व दामाद कैप्टन मोहम्मद सफदर को भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए जाने के खिलाफ उनके द्वारा दायर की गई अपील को;

Update: 2018-07-18 00:31 GMT

इस्लामाबाद। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज व दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) मोहम्मद सफदर को भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए जाने के खिलाफ उनके द्वारा दायर की गई अपील को जुलाई के अंतिम सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया। इस फैसले का मतलब है कि नवाज शरीफ अपनी बेटी व दामाद के साथ 25 जुलाई के आम चुनावों के दौरान जेल में रहेंगे।

इन तीनों ने सोमवार को अदलत में अपील दाखिल की थी जिसमें ब्रिटेन में चार लग्जरी फ्लैट के स्वामित्व से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में इन्हें दोषी करार दिए जाने को चुनौती दी गई है।

दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने इनके वकीलों द्वारा दाखिल की गई सात अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई की। इस खंडपीठ में न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर व न्यायमूर्ति हसन औरंगजेब शामिल हैं।

डॉन ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, शरीफ की याचिका पर अब 25 जुलाई के बाद सुनवाई होगी।

दाखिल की गई याचिकाएं दोषी करार दिए जाने के खिलाफ हैं और शरीफ के परिवार को दी गई सजा के निलंबन व इसमें उनके खिलाफ लंबित दो संदर्भो के स्थानांतरण की मांग की गई है। इसमें से तीन अपील पूर्व प्रधानमंत्री की तरफ से दाखिल की गई है और दो अपील मरियम व दो सफदर की तरफ से।

अदालत ने शरीफ द्वारा दायर तीनों याचिकाओं पर राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को नोटिस जारी किया है। अदालत ने मामले में अपील का फैसला होने तक सजा को निलंबित नहीं करने की भी बात कही है।

तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को अदालत ने 6 जुलाई को आय के स्रोत से ज्यादा संपत्ति रखने के मामले में दस साल की जेल की सजा सुनाई है। शरीफ की बेटी मरियम को सात साल की सजा और दामाद को एक साल की सजा सुनाई गई है।
 

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