शाह ने मेघालय के मुख्यमंत्री पर भ्रष्ट सरकार चलाने का आरोप लगाया

मित शाह ने मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा पर सबसे भ्रष्ट सरकार चलाने का आरोप लगाते हुए लोगों से कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने की आज अपील की।;

Update: 2018-01-07 11:13 GMT

शिलांग।  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के अध्यक्ष अमित शाह ने मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा पर सबसे भ्रष्ट सरकार चलाने का आरोप लगाते हुए लोगों से कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने की आज अपील की।

 शाह यहां भाजपा कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा, “देश में सबसे भ्रष्ट सरकारों की प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए।

इस तरह की प्रतिस्पर्धा देश हित में नहीं है। लेकिन अगर देश की सबसे भ्रष्ट सरकार का चयन किया जाएगा, तो संगमा सरकार इस प्रतिस्पर्धा में निश्चित रूप से पहला स्थान हासिल करेगी।

गारो हिल्स क्षेत्र में चुनाव अभियान को शुरू करने के बाद यहां पहुंचे श्री शाह ने कहा कि संगमा सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा देखकर और टिकरीकिल्ला में लोगों का उत्साह देखकर उनको पूरा विश्वास हो गया है कि मेघालय में अगली सरकार भाजपा ही बनायेगी।

उन्होंने कहा, “हमारा एंजेडा और मिशन इस सरकार को उखाड़ फेंकना है। हमें लोगों के बीच जाना है। हमारा लक्ष्य केवल सरकार बनाना नहीं है बल्कि मेघालय के लोगों को उनका हक दिलाना है।

मेघालय को एक भ्रष्ट राज्य की प्रतिस्पर्धा से बाहर निकालकर उसे आदर्श राज्य बनाने का है। ताकि मेघालय सबसे विकसित राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके।”

 शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने मेघालय के विकास के लिए राज्य सरकार को धन मुहैया कराया लेकिन राज्य सरकार स्वास्थ्य, ढ़ांचागत विकास, शिक्षा, पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में पूरी तरह विफल रही है।

मेघालय की पश्चिमी गारो हिल्स के टिकरीकिल्ला में लोगों को संबोधित करते हुए  शाह ने कहा कि केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने मेघालय को 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत 5,817 करोड़ रुपये आवंटित किये थे जबकि प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत 25,413 करोड़ रुपये की राशि मेघालय को आवंटित की।

उन्होंने कहा, “मुकुल संगमा से पूछा चाहिए कि राज्य के विकास के लिए दी गयी 25,000 करोड़ की राशि का उन्होंने क्या किया।
मोदी ने पूर्वोत्तर के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है। इसी वजह से राशि को इतना अधिक बढ़ाया गया, लेकिन आश्चर्य की बात है कि मेघालय में कुछ नहीं किया गया।”

 

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