अदार पूनावाला ने किया बड़ा खुलासा - देश में जुलाई तक रहेगी वैक्सीन की किल्लत
अदार पूनावाला ने कहा है कि वैक्सीन प्रोडक्शन जुलाई में बढ़ने की उम्मीद है;
भारत में बढ़ती हुई महामारी को रोकने के लिए हर प्रयास विफल हो रहे हैं.देश में अस्पताल,बेड्स से लेकर ऑक्सीजन की कमी ने हर इंसान को मायूस कर दिया है.अब हर इंसान की नज़र एक मात्र उपाय वैक्सीन पर टिकी है,लेकिन उसे लेकर भी कई ऐसी खबरें आ रही हैं जिससे परेशानी बढ़ती जा रही है.जिसके बाद अब सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला ने एक और ऐसी खबर दी है जिससे देशवासियों की मुश्किल और बढ़ गई है.तो क्या है पूरा मामला - लगभग एक साल बाद जब खबर आई कि भारत ने वैक्सीन बना ली है तो पूरे देश में खुशी की लहर थी.जनता सोच रही थी कि अब तो महामारी से निज़ात मिल गई समझो.वैक्सीन लगना भी शुरु हो गई लेकिन परिणाम इसके उलट आए.देश में महामारी की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी.इधर वैक्सीनेशन अभियान को बढ़ाया गया तो खबर आई कि देश में वैक्सीन की कमी आ गई है जिसकी वजह से सभी राज्यों ने इस अभियान को चलाने में असमर्थता ज़ाहिर कर दी. अब हर किसी के मन में सिर्फ ये सवाल उठ रहा था कि आगे क्या होगा. इस बीच खबर ये भी आई कि सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला देश छोड़ कर लंदन चले गए.लोकिन अब अदार पूनावाला ने एक औऱ चौंकाने वाला खुलासा किया है.देश भर में कोरोना वैक्सीन की कमी के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा है कि भारत में वैक्सीन की कमी मई में ही खत्म नहीं होने वाली है, बल्कि वैक्सीन आपूर्ति में कमी जुलाई तक चलेगी।
फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अदार पूनावाला ने कहा है कि वैक्सीन प्रोडक्शन जुलाई में बढ़ने की उम्मीद है। कोविशील्ड डोज का उत्पादन जुलाई में 60-70 मिलियन से बढ़कर 100 मिलियन हो जाने की उम्मीद है। अधिकारियों को जनवरी में वायरस की दूसरी लहर की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि मामले घट रहे थे। किसी को भी इस बात अंदेशा नहीं था कि भारत में महामारी इस कदर बढ़ जाएगी।वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने के सवाल पर पूनावाला ने कहा-हमने पहले क्षमता इसलिए नहीं बढ़ाई क्योंकि इसके लिए हमें कोई भी आदेश नहीं दिया गया था। हमें नहीं लगा था कि एक साल के अंदर 100 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज चाहिए होगी।वहीं अदार पूनावाला ने आरोप लगाया कि - वैक्सीन की कमी को लेकर वैक्सीन निर्माता को नेताओं और आलोचकों द्वारा गलत तरीके से पेश किया गया है। हालांकि सरकार, कंपनी नहीं, नीति के लिए जिम्मेदार थी। कंपनी को राज्य सरकार को चार्ज करने के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिसके बाद कीमतों को कम किया गया था।अदार पूनावाला ने कहा कि मुझे बहुत गलत और गलत तरीके से पीड़ित किया गया।