अलगाववादियों की बैठक विफल, गिलानी-मीरवाइज पर पाबंदी

श्रीनगर में प्रशासन ने यासीन मलिक को हिरासत में लेकर और हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों के अध्यक्षों पर पाबंदियां लगाकर अलगाववादियों के ठिकानों पर एनआई के छापों को लेकर आयोजित बैठक को विफल कर दिया;

Update: 2017-06-05 15:34 GMT

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष मोहम्मद यासीन मलिक को हिरासत में लेकर और हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों के अध्यक्षों पर पाबंदियां लगाकर अलगाववादियों के ठिकानों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के छापों को लेकर आज आयोजित बैठक को विफल कर दिया। 

हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को नजरबंद कर दिया गया है आैर संगठन के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी को भी कोई राहत नहीं दी गयी है। 

जेकेएलएफ के प्रवक्ता ने बताया कि मलिक को उनके मैसुमा स्थित आवास से आज हिरासत में ले लिया। मलिक, गिलानी के आवास पर आज उनके और मीरवाइज के साथ बैठक करने वाले थे तथा इसके बाद शाम में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने वाले थे। 

हुर्रियत के उदारवादी धड़े के प्रवक्ता ने बताया कि मीरवाइज को कल रात ही फिर से नजरबंद कर दिया गया। उसने बताया कि बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस के जवानों को उनके निगीन स्थित निवास के बाहर तैनात किया गया है।

उन्हें सूचित किया गया है कि वह अगले आदेश तक घर से बाहर नहीं निकल सकते।  गाैरतलब है कि एनआई ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियों के लिए सीमा पार से मिलने वाले धन को लेकर जांच शनिवार को अलगाववादियों के ठिकानों पर छापे मारे। 

छापे की कार्रवाई कश्मीर के तीन अलगाववादी नेताओं से इस सप्ताह यहां एनआईए मुख्यालय में की गयी पूछताछ के बाद की गयी है।  रिपोर्टों के अनुसार एक टेलीविजन चैनल के स्टिंग आॅपरेशन में हुर्रियत नेताओं को यह स्वीकार करते हुए दिखाया 

गया था कि घाटी में सुरक्षा बलों पर पथराव, तोड़-फोड़ की घटनाओं और आतंकवादी गतिविधियों के लिए उन्हें सीमा पार से धन मिलता है। इसके बाद एनआईए ने अलगावादी नेताओं से घाटी में पूछताछ की और अलगाववादी नेता नईम खान, फारूक अहमद डार और गाजी जावेद बाबा को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया था। 

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