सुरक्षाकर्मियों ने शुरू की भूख हड़ताल

एसईसीएल ने निजी सुरक्षा एजेंसी की सेवाएं बंद कर दी है जिससे कोरबा, कुसमुंडा, दीपका और गेवरा क्षेत्र में कार्यरत लगभग 400 सुरक्षागार्ड बेरोजगार हो गए हैं.....;

Update: 2017-05-28 12:42 GMT

कोरबा। एसईसीएल ने निजी सुरक्षा एजेंसी की सेवाएं बंद कर दी है जिससे कोरबा, कुसमुंडा, दीपका और गेवरा क्षेत्र में कार्यरत लगभग 400 सुरक्षागार्ड बेरोजगार हो गए हैं। काम से हटाए गए निजी सुरक्षा कर्मियों ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दोबारा काम पर रखने की मांग की है। 

कोरबा क्षेत्र में काम से हटाए गए सुरक्षागार्डों ने कोयला श्रमिक संघ (सीटू) के बैनर तले महाप्रबंधक कार्यालय के पास क्रमिक भूख हड़ताल शुरू किया है। ढेलवाडीह, सिंघाली, बगदेवा, कोरबा मुख्यालय, मानिकपुर सुराकछार और रजगामार में कार्यरत सुरक्षागार्डों का कहना है कि वे लंबे अर्सें से ठेके पर कंपनी में सुरक्षा कार्य करते आए हैं। अब बिना पूर्व सूचना काम से हटाया जा रहा है।

इससे रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है। निजी सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि एसईसीएल के विभिन्न ठेकेदारों के अधीन विगत 22 वर्षों से लगातार निजी सुरक्षा गार्ड कार्यरत है। 15 मई से ढेलवाडीह, सिंघाली, बगदेवा उप क्षेत्र से कोरबा मुख्यालय मानिकपुर एवं रजगामार में कार्यरत कर्मियों को काम से हटा दिया गया है। इनकी मांग है कि निजी सुरक्षा गार्डों को ठेका प्रथा के अंतर्गत पूर्ववत काम में रखा जाए। काटे गए सीएमपीएफ राशि का जवाब देने सहित बकाया राशि का तत्काल भुगतान करने की भी मांग कर्मचारियों ने की है।
 

संसदीय सचिव ने दिया समर्थन
काम से निकाले गए निजी सुरक्षा कर्मियों को संसदीय सचिव लखनलाल देवांगन ने अपना समर्थन दिया है। संसदीय सचिव ने इस संबंध में कलेक्टर को पत्र लिखते हुए कहा है कि सुरक्षा प्रहरी के रूप में कार्यरत श्रमिकों का मूल वेतन व महंगाई भत्ता श्रम मंत्रालय व भारत सरकार द्वारा बढ़ाया गया है। बढ़े दर से मजदूरी मांगे जाने पर उन्हें कार्य से निकाला जा रहा है। इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग संसदीय सचिव द्वारा की गई है। 

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