मौसमी बीमारियों का प्रकोप अस्पताल में बढ़े मरीज

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में इन दिनों बच्चों की तादाद बढ़ गई है;

Update: 2018-02-16 13:59 GMT

अंबिकापुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में इन दिनों बच्चों की तादाद बढ़ गई है। स्थिति यह है कि शिशु रोग विभाग का बेड भर चुका है और बच्चों का ईलाज गैलरी में गद्दा बिछाकर किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से भी काफी लोग बीमार बच्चों को लेकर रोजाना अस्पताल पहुंच रहे हैं। झोलाछाप चिकित्सकों पर कसी गई नकेल के बाद ग्रामीण बीमार बच्चों को लेकर पहले क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचते हैं, वहां से प्राथमिक जांच के बाद इन्हें सीधे बड़े अस्पताल का रास्ता दिखाया जाता है। मौसम में आए बदलाव के बाद बच्चों में उल्टी-दस्त, बुखार की शिकायतें अचानक बढ़ी है। अस्पताल में नवजात से लेकर 5-10 साल के बीमार बच्चे काफी तादाद में भर्ती किए गए हैं, इनमें वायरल पीड़ितों की संख्या अधिक है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज अस्पताल का 50 बेड वाला शिशु रोग विभाग बीमार बच्चों से अटा पड़ा है। बेड खाली नहीं रहने की स्थिति में बच्चों को वार्ड के बाहर गैलरी में गद्दा बिछाकर भर्ती किया गया है। ऐसे में बच्चों के उपचार में काफी दिक्कतें आ रही है। बुधवार को षिषु रोग विभाग में बेड भरने के बाद 25 अतिरिक्त गद्दे बिछाकर बच्चों को भर्ती किया गया था। शिशु रोग चिकित्सकों के पास भी बीमार बच्चों को लेकर परिजनों की भीड़ पहुंच रही है। ओपीडी के समय में दोपहर दो बजे तक यही स्थिति बनी रहती है। कुछ ऐसा ही आलम नगर के निजी अस्पतालों का भी है। 

विशेषज्ञ चिकित्सकों के घरों में भी बीमार बच्चों के साथ परिजन नजर आ रहे हैं। बच्चों के उपचार के साथ ही चिकित्सक बदले मौसम में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों से भी अवगत करा रहे हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो बच्चों में वायरल का मुख्य कारण ठंड के बाद तापमान में गिरावट, पुन: अचानक बारिश से बना ठंड का माहौल है। ऐसे मौसम में सावधानी नहीं बरतने से बीमारी की स्थिति बनती है।

तापमान में वृद्धि से वायरल का प्रकोप बढ़ता है। मौसम को देखते हुए खानपान में ध्यान देने की जरूरत है। बीमारियों से बचाने साफ  पानी का उपयोग करना चाहिए। बच्चों को यथासंभव गरम पानी का सेवन कराएं।

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