सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से बढ़ीं नीतीश की मुश्किलें, जाएगी कुर्सी !
बिहार के CM नीतीश को पद से हटाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। वकील एमएल शर्मा ने नीतीश पर हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया था;
बिहार में आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन तोड़ बीजेपी को साथी बनाकर नीतीश ने फिर से सरकार तो बना ली, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के एक हुक्म से उनके सिंहासन पर मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। नीतीश को मुख्यमंत्री पद से हटाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पद से हटाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के वकील एमएल शर्मा ने नीतीश पर चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया था।
एमएल शर्मा ने याचिका में कहा था कि नीतीश ने 2004 और 2012 के चुनाव हलफनामे में 1991 के एक मामले में खुद के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे की बात छुपाई। इस याचिका में कहा गया कि नीतीश ने सच्चाई छुपाकर शपथ पत्र दाखिल किया था। इस लिहाज से वो संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते, उन्हें विधान परिषद की सदस्यता से अयोग्य करार दिया जाए।
इसी याचिका के आधार पर कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब तलब किया है।
आपको बता दें कि हत्या का ये मामला 26 साल पुराना है, जिसमें ढीबर गांव के रहने वाले अशोक सिंह ने नीतीश कुमार समेत कुछ अन्य लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। अशोक सिंह ने आरोप लगाया था कि बाढ़ सीट पर चुनाव के दौरान नीतीश ने उनके भाई की गोली मारकर हत्या की थी।