सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी ने ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए सरकार को भेजे दो प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश के इटावा मे स्थित सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी ने संस्थान में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए राज्य सरकार को दो प्रस्ताव भेजा है;
इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा मे स्थित सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी ने संस्थान में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए राज्य सरकार को दो प्रस्ताव भेजा है । इस पर मोहर लगते है इसका निर्माण शुरू कर दिया जायेगा।
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो.राजकुमार ने यूनीवार्ता को एक विशेष भेंट मे कहा कि इसके इतर संस्थान एक अन्य आक्सीजन प्लांट भी स्थापित करेगा । कोरोना संक्रमण में आक्सीजन की बहुत अधिक आवश्यकता महसूस की जा रही है फिलहाल 340 कोरोना ग्रसित संस्थान में भर्ती है । जहां पहले मात्र 5 या 6 हजार लीटर ऑक्सीजन की खपत प्रतिदिन हो रही थी वही अब यह बढ़कर के 9000 लीटर पर दिन हो गई है।
प्रो. राज कुमार ने बताया कि दो तरह के आक्सीजन प्लांट होते हैं । एक वो जो आाक्सीजन बनाते हैं दूसरे आक्सीजन स्टोरेज प्लांट होते है।
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में आक्सीजन का स्टोरेज प्लांट में एक कंडम हो चुका है वो गारंटी पीरियड में ही करीब 30 बार रिपेयर किया गया है । एक साल से अधिक समय तक बंद रहा है । उसको दुरूस्त कर पाना संभव नहीं हुआ जबकि उसको दूरूरत करने के लिए यूनिवर्सिटी की तरफ से कंपनी को भुगतान किया जाता रहा। इस लिहाज से एक आक्सीजन प्लांट कंडम हो चुका है ।
दूसरा जो आक्सीजन प्लांट है उसकी गारंटी साल 2013 में ही खत्म हो चुकी है । उसको भी सुधरवाने की कोशिश करते रहे है लेकिन उसमें कंपनी का इंटरेस्ट नहीं था क्यों कि हम यह जानने की भी ख्वाहिश रहेगी कि कितने दिन में ठीक हो पायेगा और दूसरा वो यह भी कहते है कि इसमें 50 फीसदी से ज्यादा क्षमता रिकवर नही हो पायेगी ओर तीसरा पता नही यह कितने दिनो तक चल पायेगा।
उन्होंने कहा कि चूंकि अब बड़ी क्राइसिस सामने आ चुकी है इसलिए यह सोचा जा रहा हैं कि अगर 50 फीसदी ही हो पाए तो बेहतर रहेगा । इस सिलसिले में लगातार कंपनी के स्तर पर वार्ता जारी है लेकिन कंपनी के अधिकारी आक्सीजन प्लांट को दुरस्त करने के लिए उतना इंटरेस्ट नहीं दिखा रही है जितना उसको दिखाना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि अभी जब सरकार में आक्सीजन प्लांट स्थापित करने का और जगह का प्रस्ताव मांगा तो दोनो प्रस्ताव सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से सरकार को भेज दिए गए है।