सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा की एंबी वैली संपत्ति कुर्क की

नई दिल्ली ! सर्वोच्च न्यायालय ने निवेशकों के 14,799 करोड़ रुपये बकाया मामले में सहारा समूह की लोनावला स्थित एंबी वैली टाउनशिप को सोमवार को कुर्क करने का आदेश दिया।;

Update: 2017-02-07 04:14 GMT

नई दिल्ली !   सर्वोच्च न्यायालय ने निवेशकों के 14,799 करोड़ रुपये बकाया मामले में सहारा समूह की लोनावला स्थित एंबी वैली टाउनशिप को सोमवार को कुर्क करने का आदेश दिया। सहारा समूह की दो कंपनियां रियल एस्टेट के कारोबार में हैं जिन्हें निवेशकों के पैसे लौटाने हैं। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई तथा न्यायमूर्ति ए.के.सीकरी की पीठ ने सहारा को निर्देश दिया कि वह 20 फरवरी तक अपनी उन संपत्तियों की सूची न्यायालय को सौंपे, जिन पर कोई विवाद नहीं है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 फरवरी की तारीख मुकर्रर की।

14,000 करोड़ रुपये मूल रकम को सहारा समूह की दो कंपनियों, सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) तथा सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को चुकाना है।

तीन करोड़ निवेशकों को लौटाने के लिए सहारा मूल रकम का 11,000 करोड़ रुपये पहले ही बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को भुगतान कर चुका है।

सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जब न्यायालय से कहा कि एंबी वैली की कुर्की से कंपनी द्वारा सेबी को किए जा रहे भुगतान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, तो पीठ ने कहा, "हम कोई रिसीवर नियुक्त नहीं कर रहे हैं। हम आपकी एंबी वैली को कुर्क कर रहे हैं।"

एंबी वैली को कुर्क करते हुए पीठ ने कहा कि फिलहाल वह सुब्रत रॉय को दोबारा जेल नहीं भेज रही है।

न्यायालय ने कहा, "आपने पैसे जमा करा दिए। हम आपको हिरासत में नहीं भेज रहे हैं।"

पीठ ने यह स्पष्ट किया कि सुनवाई की मंजूरी देने के आग्रह से पहले सहारा को न्यायालय के आदेश का पालन करना होगा और बाजार नियामक के पास पैसे जमा कराने होंगे।

सिब्बल ने जैसे ही न्यायालय से दो फैसलों में त्रुटियों पर दो घंटे की सुनवाई करने की मंजूरी का आग्रह किया तो पीठ ने कहा, "जब तक पैसे नहीं आते, हम आपको दो घंटे की सुनवाई की मंजूरी नहीं दे सकते हैं।"

सिब्बल ने न्यायालय से कहा कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा है कि 85 फीसदी निवेशक असली हैं।

पीठ ने कहा, "वापस पाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। आपको भुगतान करना पड़ेगा। कृपया हमें 14,799 करोड़ रुपये की संपत्ति की सूची दीजिए। हमें हर बार 200 या 300 करोड़ रुपये के लिए क्यों बैठना चाहिए? आप हमें एक सूची दीजिए, हम उस संपत्ति को बेचेंगे और तब सुनवाई का समय देंगे।"

सुब्रत रॉय तथा अन्य लोगों के पैरोल को बरकरार रखने के लिए सहारा 600 करोड़ रुपये की राशि जमा करा चुका है। 28 नवंबर, 2016 को अपने निर्देश में सर्वोच्च न्यायालय ने यह राशि जमा कराने का निर्देश दिया था।

एसआईआरईसीएल तथा एसएचआईसीएल को 31 अगस्त, 2012 को निवेशकों के 17,600 करोड़ रुपये को 15 फीसदी ब्याज के साथ वापस करने के लिए कहा गया था, जिसे दोनों कंपनियों ने ऑप्शनली फुली कन्वर्टेबल डिबेंचर्स (ओएफसीडी) के माध्यम से 2008 तथा 2009 में उगाहा था।

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