सचिन पायलट आज अजमेर से 'जन संघर्ष पदयात्रा' का करेंगे आगाज
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच छिड़ी सियासी जंग अब ऐसे मोड़ पर पहुंच गई है;
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच छिड़ी सियासी जंग अब ऐसे मोड़ पर पहुंच गई है जहां सुलह-समझौते की गुंजाइश नहीं रह गई है।
सचिन पायलट गुरूवार सुबह 11 बजे राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) मुख्यालय से सांकेतिक रूप से पदयात्रा शुरू करेंगे। उसके बाद दोपहर 12 बजे अशोक उद्यान में जनसभा को संबोधित कर जयपुर की ओर कूच करेंगे।
वहीं मंगलवार (9 मई) को पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 11 मई से जन संघर्ष पदयात्रा निकालने का एलान किया और नौजवानों और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अजमेर से जयपुर तक पदयात्रा शुरू करने की बात कही थी।
दरअसल, सचिन पायलट यह पदयात्रा 5 दिनों में 125 किलोमीटर की दूरी तय कर जयपुर पहुंचेगी जिसमें बड़ी संख्या में पायलट समर्थकों और युवा बेरोजगारों के शामिल होने की संभावना है. इसके पीछे की कहानी बताई जा रही है कि आरपीएससी से लगातार पेपर लीक हुए हैं, उसे लेकर कि यहां के युवाओं में आक्रोश है। पिछले दिनों आरपीएससी के सचिव को गिरफ्तार किया गया है। उस कहानी के बाद से यह सब बात समझ में आ रही हैं कि पेपर लीक के मामलों में आरपीएससी खुद शामिल रहा है।
ऐसे में सचिन पायलट की रणनीति है वह युवाओं को पेपर लीक मामले में अपने साथ जोड़ना चाहते हैं। इस दौरान युवाओं से मिलना है, उनसे जुड़ना है और उन्हें लगता है कि पेपर लीक मामले में लोग उनके साथ आएंगे और उन्हें इसका फायदा भी मिलेगा. यहां से दो संदेश दिए जाएंगे पहला पेपर लीक पर बोलने के लिए खुद पायलट सामने आए हैं और दूसरा भ्रष्टाचार पर भी प्रहार होगा।