सीएए के बाद असम में नए निवासियों के बसने की अफवाह फैलाई जा रही : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफवाह फैलाने वाली ताकतों पर हमला बोलते हुए कहा कि अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद लाखों लोग असम के बाहर से यहां आकर बस जाएंगे;

Update: 2020-02-07 23:02 GMT

कोकराझार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अफवाह फैलाने वाली ताकतों पर हमला बोलते हुए कहा कि अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद लाखों लोग असम के बाहर से यहां आकर बस जाएंगे। उन्होंने स्थानीय लोगों को आश्वस्त किया कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा। उन्होंने असम के लोगों को यह भी भरोसा दिया कि केंद्र व राज्य सरकार 1985 के असम समझौते के खंड 6 को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश करेंगी।

यह खंड असमिया लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक और भाषाई पहचान और विरासत की रक्षा, संरक्षण और संवर्धन के लिए संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक सुरक्षा प्रदान करता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बिप्लव शर्मा की अगुवाई में 1985 से असम समझौते के खंड 6 को क्रियान्वयन को लेकर प्रभावी कार्रवाई की जांच के लिए एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया है।

उन्होंने कहा, "मैं असम के लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि एक बार कमेटी द्वारा रिपोर्ट देने के बाद केंद्र तेजी से कार्रवाई करेगा। हम चीजों को लटकाए रखने वाले या उनमें देरी करने वाले नहीं हैं। हम जिम्मेदारी से काम करते है। सालों से यह लटका हुआ है। हम इन सभी कार्यो को पूरा करेंगे।"

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश, विशेष रूप से असम और उत्तर-पूर्व को पिछली सरकारों के मुद्दों को लटकाए रखने व समस्याओं को न सुलझाने की वजह से सालों तक दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। ऐसा वोट के लिए और अपने संकीर्ण राजनीतिक हितों के लिए किया गया।

प्रधानमंत्री यहां तीसरे बोडो शांति समझौते समारोह में भाग लेने के लिए आए थे।

अप्रत्यक्ष रूप से सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, "देश असम विरोधी या राष्ट्र विरोधी मानसिकता को न तो बर्दाश्त करेगा और न ही माफ करेगा।"

असम में बीते साल दिसंबर में सीएए प्रदर्शन के दौरान तीन लोगों मारे गए थे।
 

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