रोहतांग दर्रा खुला, रेस्क्यू चौकियां हटी
हिमाचल प्रदेश में मनाली से लेह लद्दाख को जोड़ने वाला 1100 किलोमीटर लंबा मनाली-लेह मार्ग जल्द ही यातायात के लिये बहाल हो जाएगा जिससे सुरक्षा बलों को राहत मिलेगी।;
शिमला । हिमाचल प्रदेश में मनाली से लेह लद्दाख को जोड़ने वाला 1100 किलोमीटर लंबा मनाली-लेह मार्ग जल्द ही यातायात के लिये बहाल हो जाएगा जिससे सुरक्षा बलों को राहत मिलेगी।
इस मार्ग को बहाल होने में एक हफ्ते का समय लग सकता है। वहीं बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने आज यहां बताया कि उन्होंने बारालाचा दर्रे पर दोनों ओर से चढ़ाई की है। मौसम ने साथ दिया तो एक सप्ताह के भीतर बहाल कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बीआरओ कड़ी मशक्कत के बाद मनाली-लेह मार्ग की बहाली के नजदीक पहुंच गया है। बीआरओ की लेह स्थित हिमांक परियोजना ने सरचू तक सड़क को पहले ही बहाल कर दिया है।
उपायुक्त लाहुल-स्पिति कमल कांत सरोच ने बताया कि रोहतांग दर्रा को वाहनों की आवाजाही के लिए सीमा सड़क संगठन द्वारा खोल दिया गया है और यातायात सुचारू रूप से रोहतांग दर्रा से शुरू हो गया है। रोहतांग दर्रे की यातायात के लिए बहाली को देखते हुए कोकसर एवं मढ़ी में स्थित रेस्क्यू चैकियों को 15 मई से हटा लिया गया है। यात्री मौसम के हालात को देखते हुए अपनी यात्रा पर निकलें।
ज्ञातव्य है कि मनाली पहुंचते ही सैलानी सबसे पहले 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे का दीदार कर सकेंगे। यहां से 16000 फीट ऊंचे बारालाचा दर्रे का दीदार हो सकेगा। इसके अलावा 16500 फीट ऊंचा लाचुंगला दर्रा को पार करते हुए लेह की वादियों में प्रवेश करने के बाद दुनिया के खूबसूरत साढे 17 हजार फीट तांगलांगला दर्रे को देख पाएंगे।