बिहार में आरजेडी का पलड़ा भारी, फ्लोर टेस्ट से पहले भाजपा घबराई
बिहार में आज नीतीश कुमार सरकार का फ्लोर टेस्ट है;
पटना। बिहार में आज नीतीश कुमार सरकार का फ्लोर टेस्ट है। नीतीश बहुमत साबित करते हैं या नहीं, इस पर बिहार के साथ-साथ आगामी चुनावों में बीजेपी का भविष्य टिका हुआ है।
इसी वजह से बीजेपी इस फ्लोर टेस्ट को लेकर नीतीश से ज्यादा परेशान नजर आ रही है। आरजेडी और कांग्रेस की एकजुटता बीजेपी की परेशानी को और बढ़ा रही है। इधर तेजस्वी यादव ने पहले ही चेतावनी दे दी है कि कोई बड़ा खेला आज हो सकता है। तो क्या नीतीश आज बचा पाएंगे अपनी सरकार या बिहार की कमान अब होगी तेजस्वी के हाथ, देखते हैं इस रिपोर्ट में
बिहार विधानसभा में आज नीतीश कुमार को फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ रहा है। पिछले महीने नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारते हुए एनडीए में शामिल होने का फैसला किया था।
नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार तो बना ली, लेकिन उनकी सत्ता बचेगी या नहीं, ये आज तय हो जाएगा। फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा में विधायकों के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो चुका है। इससे पहले आरजेडी और जेडीयू दोनों के अपने-अपने जीत के दावे सामने आए हैं। हालांकि इसमें आरजेडी का पलड़ा ही भारी दिखाई दे रहा है।
क्योंकि तेजस्वी यादव के निवास पर आरजेडी और कांग्रेस दोनों के विधायक एक साथ ठहरे थे, लेकिन जेडीयू और बीजेपी को अपने विधायकों की बाड़ेबंदी करनी पड़ी। फिर भी अभी जेडीयू के कुछ विधायकों के बागी होने की खबरें हैं। पांच से छह विधायकों से कोई संपर्क ही नहीं हो रहा है।
इससे पहले हम पार्टी के मुखिया जीतनराम मांझी का फोन भी कल रात को बंद था। जिससे बीजेपी की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि 243 सीटों की बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों का समर्थन ज़रूरी है. बीजेपी के 78 और जेडीयू के 45 विधायकों को मिला दें तो यह संख्या 123 हो जाती है. लेकिन अगर पांच-छह विधायक भी आरजेडी के साथ चले गए तो सारा समीकरण बिगड़ सकता है।
इसलिए हम के 4 और एक निर्दलीय विधायक को भी साथ रखने की कोशिश में नीतीश और बीजेपी हैं। लेकिन तेजस्वी यादव ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि खेला होगा, इसलिए बीजेपी का डर बढ़ गया है।
कल रात तेजस्वी यादव के घर के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था, जिससे बीजेपी की घबराहट की पुष्टि हो गई है। अब देखना होगा कि क्या आज नीतीश बचा पाते हैं अपनी सरकार।