आरक्षण की नीति भाजपा को पहुंचा सकती है नुकसान : करवरिया

जाति विशेष को आरक्षण देने का विरोध करते हुये नैनी जेल में बंद भाजपा के पूर्व विधायक करवरिया ने पार्टी आलाकमान को चेताया;

Update: 2018-10-09 16:30 GMT

इलाहाबाद। जाति विशेष को आरक्षण देने का विरोध करते हुये नैनी जेल में बंद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक उदय भान करवरिया ने पार्टी आलाकमान को चेताया है कि आरक्षण को लेकर उसकी नीति पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है। 

नैनी सेन्ट्रल जेल में बन्द पूर्व विधायक ने पार्टी के शीर्ष नेता को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि “ हमें सब का साथ सब का विकास’’ नारे को अपनाकर आगे बढ़ना होगा। भाजपा के लिए सभी एक समान होने चाहिए।

किसी विशेष एक वर्ग को सहूलियत देकर हमें अन्य वर्गों के मतदाताओं को नाराज नहीं करना होगा। यह आपसी दूरी पार्टी के लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है। वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए पर्टी के शीर्ष पदाधिकारियों को इसके बारे में एक बार गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए। ”

उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता भीम राव अम्बेड़कर ने भी एक समय सीमा तक ही आरक्षण का प्राविधान संविधान में किया था। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को मिलने वाले आरक्षण का लाभ उस वर्ग के गरीब को नही मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार और अन्य सभी दलों ने जाति के बजाए गरीबी को आरक्षण देने के प्रस्ताव को संवैधानिक रूप से पास कर कानून बनाया होता तो स्वागत योग्य था। आरक्षण के कारण क़ाबलियत का गला घुट रहा है।
पूर्व विधायक ने लिखा कि वर्ष 2002 में सूबे में भाजपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मायावती की सरकार बनी थी।

तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने एससी और एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के बाद बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं होने का आदेश पारित किया था, जिससे फर्जी मुकदमें दर्ज होने बंद हो गये थे।

नये कानून में बिना जांच जेल जाने का प्रावधान कर दिया गया है, जो सर्वदा अनुचित है।
उन्होंने कहा कि यह कानून एक दूसरे से दूर कर खाई को गहरी होने का संकेत दे रही है। समाज का नौजवान और गरीब भाजपा की तरफ आशा भरी निगाहों से ताक रहा है।

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