लाल किले में सिख जरनैलों के पुतले लगाने पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने तलब की रिपोर्ट

दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में तीन सिख जरनैल बाबा बघेल सिंह, बाबा जस्सा सिंह आहलूवालिया और बाबा जस्सा सिंह रामगड़िया के बुत लगाने के लिए रास्ता साफहो गया है;

Update: 2017-12-13 01:22 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले में तीन सिख जरनैल बाबा बघेल सिंह, बाबा जस्सा सिंह आहलूवालिया और बाबा जस्सा सिंह रामगड़िया के बुत लगाने के लिए रास्ता साफहो गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले में रिपोर्ट तलब की है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सांस्कृतिक मामलों संबंधी मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी है क्योंकि ऐसा फैसला लागू करने के लिए दोनों मंत्रालयों की सहमति जरूरी है।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव और विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि तीन सिख जरनैलों के द्वारा ऐतिहासिक लाल किला पहली बार फतह किया गया था और उन्होंने शाह आलम को हराने के बाद वहां निशान साहिब चढ़ाया था और निशान-ए-आम पर भी कब्जा किया था। इन के बुत जल्दी से जल्दी लाल किले में लगाए जाने चाहिए और लाल किले पर होते लाईट एंड साउंड शो में भी इसका इतिहास शामिल किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा पहल पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि यह पहले भारतीय जनरल थे जिन्होंने ऐतिहासिक लाल किला जीता, इसीलिए मुगलों पर पहली जीत को सही भावना में दिखाया जाना चाहिए।

सिरसा ने बताया कि 11 मार्च 1783 को तीनों जरनैलों ने शाह आलम को हराया था। इस से पहले सन 1774 में इन्होंने शाहदरा, पहाडग़ंज और जै सिंहपुरा इलाके जीते थे। अंतिम फतह से पहले इन्होंने मलकगंज और अजमेरीगेट पर भी जीत दर्ज की थी।

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