मैक्स अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत के मामले में पुलिस ने दायर की रिपोर्ट
पिछले साल दिसम्बर महीने में शालीमार बाग मैक्स अस्पताल की लापरवाही से नवजात बच्चे की मौत होने का मामला सामने आया था;
नई दिल्ली। पिछले साल दिसम्बर महीने में शालीमार बाग मैक्स अस्पताल की लापरवाही से नवजात बच्चे की मौत होने का मामला सामने आया था। जिसमें अस्पताल का लाइसेंस की रद्द हो गया था। बाद में लाईसेंस रद्द होने का मामला राजनैतिक पार्टियों के बीच अटक गया था। दूसरी तरफ पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट अदालत में दायर कर दी। अदालत ने आगे तेजी से जांच करने के निर्देश दिए हैं।
जांच अधिकारी ने कहा कि वे दिल्ली चिकित्सा परिषद (डीएमसी) की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। जांच टीम ने पहले ही मामले से जुड़े लोगों के बयान दर्ज कर लिये हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट जल्द से जल्द दायर करने के लिए डीएमसी को अनुरोध पत्र दिया है। कोर्ट ने कहा कि मामले के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जांच अधिकारी सभी कोणों से मामले की जांच करेंगे और ऐसा तेजी से करेंगे। पुलिस की तरफ से दावा किया कि जांच के दौरान पाया कि अस्पताल के मृत्यु संबंधी रजिस्टर में बस दोनों शिशुओं के जन्म का समय दर्ज है।
उनकी मौत का समय दर्ज नहीं है, जबकि दोनों को कसकर बांधकर दो अलग अलग पैकेज में सौंपा गया था। पुलिस ने कहा कि विशेषज्ञों की राय के लिए प्राथमिकी की एक प्रति डीएमसी के पास भेज दी गई है। उसकी रिपोर्ट का इंतजार है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पोस्टमार्टम कर लिया गया और यहां के सफदरजंग अस्पताल के हिस्टोपैथोलॉजी विभाग से अंतिम राय लेने के बाद ही मौत के कारण से जुड़ी आखिरी रिपोर्ट का निर्धारण किया जाएगा।
जांच अधिकारी ने अदालत में बताया कि वे पहले ही संबंधित लोगों के बयान दर्ज कर चुके हैं, जिसके बाद मामले में अगली सुनवाई 26 फरवरी को तय कर दी गई। जुड़वां बच्चों के पिता आशीष कुमार ने अदालत की निगरानी में मामले की जांच की मांग करते हुए गत 24 दिसंबर को अदालत का रुख किया था। अस्पताल ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया था, जबकि उनमें से एक जिंदा था और बाद में उसकी मौत हो गई थी।
मैक्स अस्पताल में नवजात की मौत मामले में कैंडल मार्च निकाला
शालीमारबाग मैक्स अस्पताल की लापरवाही से नवजात की मौत के मामले में हर जगह आक्रोश है। पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलवाने और मैक्स पर ताला लगाने को लेकर आवाजें उठ रही है।
सोमवार को एक सिविल लाईन भाजपा मंडल के लोगों ने परिवार व अन्य लोगों के साथ मिलकर कैंडल मार्च निकाला। मंडल के अध्यक्ष भूपेन्द्र सरीन ने कहा कि वह पीड़ित परिवार की लड़ाई में साथ हैं। पुलिस को चाहिए कि जल्द से जल्द जांच पूरी कर वह कोर्ट में पेश करे और मैक्स पर ताला लगवाकर दोषी डॉक्टरों को सजा दिलवाए। मैक्स अस्पताल में आधा दर्जन मामले लापरवाही के सामने आ चुके हैं। जिसके बाद भी अस्पताल खुला हुआ है।