आरबीआई ने लगातार दसवीं बार नहीं बदला रेपो रेट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है। यह लगातार दसवीं बार है जब रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है, बैंक ने इसे 4% पर ही रखा है । रिवर्स रेपो रेट में भी किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है और यह 3.35 फीसद पर बना हुआ है। शक्तिकांत दास ने अपने भाषण में कहा कि आईएमएफ के अनुमानों के मुताबिक भारत साल दर साल तेज गति से विकास कर रहा है।;
आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है। बैंक ने इसे 4% पर ही रखा है और यह लगातार दसवीं बार है जब रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। इसके अलावा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी यानी एमएसएफ और बैंक रेट में भी बदलाव नहीं किया गया है। रिवर्स रेपो रेट में भी किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है और यह 3.35 फीसद पर बना हुआ है।, रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव होता है। बैंक ब्याज दर में कटौती करते हैं तो ईएमआई भी कम हो जाती है। यानी लोन EMI पर राहत के लिए ग्राहकों को अभी और इंतजार करना होगा। जीडीपी के बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि 2022-23 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8% रहने का अनुमान है उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में जीडीपी 9.2 फीसद रहेगी और यह अर्थव्यवस्था को कोरोनावायरस से पहले वाले दौर से भी आगे ले जाएगी। बता दें कि आरबीआई जिस रेट पर दूसरे बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहा जाता है। शक्तिकांत दास ने महंगाई पर चिंता जताते हुए कहा कि चालू तिमाही में मुद्रास्फीति चरम पर है और अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसमें नरमी आने की उम्मीद है। 2022-23 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5% रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने बैंकों से पूंजी बढ़ाने, जोखिम प्रबंधन में सुधार करने का आह्वान किया।