कूड़े के वैज्ञानिक निस्तारण की आई याद

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी ने गाजीपुर घटनास्थल का दौरा किया;

Update: 2017-09-02 13:26 GMT

नई दिल्ली।  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी ने गाजीपुर घटनास्थल का दौरा किया। अरविंद केजरीवाल ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कियह मानव निर्मित आपदा है। यह अपराध है, कूड़े का पहाड़ खड़ा किया गया, नगर निगमों को आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर कूड़े के निस्तारण करना चाहिए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस बाबत वे उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर बात करेंगे। 

पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी ने भी दुख जताते हुए कहा कि यह एक गंभीर चिंता का विषय है और उपराज्यपाल से लैंडफिल साइट शिफ्ट करने के लिए बात करेंगे। वहीं उन्होंने हादसे में मारे गए लोगों के लिए मुआवजे की मांग की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम से गाजीपुर में हुई दुर्घटना के पीड़ितों के लिए राहत सुनिश्चित करने और दिल्ली में अतिरिक्त और वैकल्पिक लैण्डफिल साइट विकसित करने को कहा व पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की।

 तिवारी ने कहा कि दिल्ली में अतिरिक्त और वैकल्पिक लैण्डफिल साइट विकसित करने और कूड़े कचड़े को वैज्ञानिक तरीके से निपटाने के लिए कदम उठाना आवश्यक है। कूड़े-कचड़े को एक जगह इक_ा करके उनका पहाड़ बनाने से हमें बचने का प्रयास करना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने गाजीपुर लैंडफिल में कूड़े ढेर के ढहने के लिए आप पार्टी की दिल्ली सरकार व भाजपा शासित निगम को जिम्मेदार ठहराया और पीड़ितों के मुआवजे की मांग की। उन्होंने याद दिलाया कि दिल्ली कांग्रेस द्वारा तैयार किए गए लैंडफिल साईट के रोड़मेप ड्राफ्ट को निगम से तुरंत लागू करे।

उन्होंने कहा कि यह घटना पूरी तरह से टाली जा सकती थी, यदि संबधित विभाग सोलिड वेस्ट मेनेजमेन्ट को लेकर दिल्ली में सही तरीके से कार्य करते। दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है क्योंकि आप पार्टी और भाजपा एक दूसरे से लड़ते झगड़ते रहते हैं। तथा एक दूसरे पर छीटाकशी करते है जिसके कारण वे दिल्ली के प्रशासन की ओर ध्यान नही दे पाते। 

दिल्ली का कचरा बना सिरदर्द

 तीनों नगर निगमों के अर्न्तगत प्रतिदिन नौ हजार टन से भी ज्यादा कूड़ा निकलता है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के अनुसार उतरी दिल्ली नगर निगम में 4200 टन, दक्षिणी दिल्ली निगम 2850 व पूर्वी निगम से 2200 कूड़ा प्रतिदिन निकलता है। जिसमें से 40 प्रतिशत के करीब कूड़े को ट्रीट नहीं किया जाता तथा उसको नरेला, बवाना, भलस्वा, ओखला व गाजीपुर की लैंडफिल साईट पर दबाया जाता है। कूड़े के इस तरह से किए जा रहे प्रबंधन के कारण पिछले कुछ वर्षों में इन साइट्स के आसपास रहने वाले लोग को बीमारियां हो रही हैं, भूजल दूषित हो गया है तो वहीं अक्सर आग लगे होने से प्रदूषण फैल रहा है। 

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