राम मंदिर पुराने डिजाइन से बने, सभी हिन्दुओं की हाे सहभागिता : आलोक
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद में आज अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य एवं दिव्य मंदिर के निर्माण के लिए न्यास के गठन की घोषणा का स्वागत;
नयी दिल्ली । विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद में आज अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य एवं दिव्य मंदिर के निर्माण के लिए न्यास के गठन की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है कि मंदिर का निर्माण तीन दशक पहले बनी डिज़ाइन एवं वास्तुचित्र के अनुरूप किया जाना चाहिए और उसमें विश्व के प्रत्येक हिन्दू की भागीदारी होनी चाहिए।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन की घोषणा के बाद अब जल्द से जल्द उसकी बैठक बुलाकर मंदिर निर्माण शुरू करने की तिथि तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि मंदिर निर्माण के लिए करीब 30 साल पहले बने वास्तुचित्र के अनुरूप हो जो देशभर के रामभक्तों के हृदय पटल पर अंकित है।
कुमार ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में जिन पौने तीन लाख गांवों से शिलायें आयीं थीं और कार्यशाला में जिन पत्थरों एवं स्तंभों को तराशा गया है। उन्होंने कहा कि देश से प्राप्त चंदे की कुल करीब सवा आठ करोड़ रुपए की राशि का इस्तेमाल मंदिर निर्माण के लिए किया जाना चाहिए। मंदिर के निर्माण के लिए और धनराशि के लिए विश्व भर के हिन्दुओं से थोड़ी थोड़ी राशि ली जानी चाहिए और सभी को कारसेवा में हाथ लगाने का मौका भी दिया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि आगामी वर्ष प्रतिपदा पर 25 मार्च से आठ अप्रैल को हनुमान जयंती तक श्री राम महोत्सव चलेगा। उन्होंने सभी राम भक्तों का आह्वान करते हुए कहा कि इस कालावधि में भारत के हर हिन्दू मंदिर, चौपाल, गाँव, नगर, तहसील तथा जिला केन्दों में सभी रामभक्त हिन्दू एकत्र होकर भगवान श्रीराम, भगवान वाल्मीकि तथा श्रीराम जन्मभूमि के चित्रों के साथ हर्षोल्लास से विशाल-भव्य शोभा यात्राएं निकालेंगे, सभाएं करेंगे।
विहिप कार्याध्यक्ष ने प्रधानमंत्री एवं उनके पूरे मंत्रिमंडल का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह 500 वर्षों के लम्बे संघर्ष में बलिदान हुए सभी राम भक्तों को नमन् करते हुए आशा व्यक्त करते हैं कि मंदिर के निर्माण में विश्वभर के सभी राम भक्तों की सहभागिता सुनिश्चित होगी, वह चाहे आर्थिक हो या प्रत्यक्ष।