राष्ट्रपति चुनाव : रामनाथ कोविंद भी नहीं तोड़ पायेंगे राजेंद्र प्रसाद का रिकॉर्ड

PM मोदी की सीधी प्रतिष्ठा NDA उम्मीदवार से जुड़ी होने के बावजूद रामनाथ कोविंद भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाएंगे। स्वयं राजेंद्र बाबू नहीं तोड़ पाए थे अपना रिकॉर्ड;

Update: 2017-06-25 12:56 GMT

नई दिल्ली, 25 जून। आगामी 17 जुलाई को होने जा रहा राष्ट्रपति चुनाव काफी रोचक है। संख्या बल के आधार पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से प्रत्याशी रामनाथ कोविंद की जीत की संभावना फिलहाल अधिक नज़र आ रही है, हालंकि कांग्रेस के नेतृत्व में साझा विपक्ष की प्रत्याशी मीरा कुमार भी राजग प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे रही हैं। इस चुनाव में कोई जीते या हारे बस एक बात तय है कि भारत का राष्ट्रपति दूसरी बार कोई दलित बनने जा रहा है। बता दें रामनाथ कोविंद व मीरा कुमार दोनों ही दलित समुदाय से आते हैं।

अभी तक अजेय समझे जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीधी प्रतिष्ठा राजग उम्मीदवार से जुड़ी होने के बावजूद रामनाथ कोविंद भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेंद्र प्रसाद का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाएंगे।  

राजेंद्र प्रसाद के नाम है सर्वाधिक 99 प्रतिशत मत हासिल करने का रिकॉर्ड

डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1957 में हुये चुनाव में 99 प्रतिशत से अधिक मत हासिल किये थे। उस रिकॉर्ड को अभी तक कोई नहीं तोड़ पाया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के ज्यादातर दलों की सहमति से 2002 में चुनाव मैदान में उतरे मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम भीकरीब 90 प्रतिशत ही वोट हासिल कर पाये थे। राष्ट्रपति के लिये अब तक हुये 14 चुनावों में कोई उम्मीदवार इस रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाया है। अब तक सिर्फ एक बार निर्विरोध चुनाव हुआ है। वर्ष 1977 में नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध निर्वाचित हुये थे।

के आर नारायणन थे दलित समुदाय से पहले राष्ट्रपति

राजेंद्र प्रसाद के बाद दूसरा नंबर राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्ण्न हैं जिन्होंने 1962 के चुनाव में 98 प्रतिशत से अधिक मत हासिल किये थे। इसके बाद के आर नारायणन का नंबर आता है जिन्हें 1997 में हुये चुनाव में 95 प्रतिशत मत मिले थे। श्री नारायणन सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाले दलित समुदाय के पहले नेता थे।

अब तक के राष्ट्रपति चुनावों में उम्मीदवारों को मिले मतों की बात की जाये तो 1957 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को कुल पड़े 464370 मतों में से 459698 मत मिले थे। उनके खिलाफ दो उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। उनमें से एक को 2672 तथा दूसरे को 2000 मत मिल पाये थे।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक मात्र ऐसे नेता जो लगातार दो बार राष्ट्रपति चुने गये

डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक मात्र ऐसे नेता हैं जो लगातार दो बार राष्ट्रपति चुने गये लेकिन 1952 में हुये पहले चुनाव में उन्हें करीब 84 प्रतिशत मत ही मिल पाये थे। इस चुनाव में कुल पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे तथा कुल 605386 मत पड़े थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 507400 मत मिले। उनके निकटतम उम्मीदवार के टी शाह को 92827 मत मिले थे।

1962 का चुनाव भी एकतरफा रहा। तीन उम्मीदवारों ने यह चुनाव लड़ा तथा 562945 वोट पड़े। डॉ. राधाकृष्णन को 553067 मत मिले थे। इसके बाद 1967 में हुये चुनाव में जाकिर हुसैन ने जीत हासिल की थी लेकिन उन्हें करीब 56 प्रतिशत ही मत मिले थे। इस चुनाव में 17 उम्मीदवार मैदान में थे तथा 838048 वोट पड़े थे। डॉ. जाकिर हुसैन 471244 मत हासिल किये थे जबकि विपक्ष के उम्मीदवार कोटा सुब्बाराव को 363971 मत मिले थे।        

1969 में हार गया था सत्ता पक्ष का उम्मीदवार, किसी को नहीं मिल पाए थे 50% मत

अब तक सबसे रोचक और कांटे का मुकाबला 1969 में हुआ था जिसमें सत्ता पक्ष के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में कुल 15 उम्मीदवार खड़े हुये थे। मुख्य मुकाबला सत्तारुढ़ कांग्रेस के नीलम संजीव रेड्डी और निर्दलीय वी वी गिरि के बीच हुआ। दोनों में से कोई भी 50 प्रतिशत वोट हासिल नहीं कर पाया था। कुल 836337 मतों से वी वी गिरि को 401515 (करीब 48 प्रतिशत) तथा श्री रेड्डी को 313548 ( 37.5 प्रतिशत) मत मिले। एक अन्य उम्मीदवार सी डी देशमुख को 112769 वोट मिले थे। बाद में दूसरी वरीयता के मतों की गिनती के बाद वी वी गिरि को विजेता घोषित किया गया था। अभी तक हुये और किसी चुनाव में ऐसी स्थिति नहीं आयी है।       

1997 के चुनाव में के आर नारायणन और टी एन शेषन के बीच सीधा मुकाबला हुआ था जिसमें नारायणन को 95 प्रतिशत मत हासिल हुये थे। उन्हें 1006921 मतों में से 956290 मत मिले थे जबकि शेषन को 50631 वोट ही मिल पाये थे। इसके बाद 2002 में हुये चुनाव में एपीजे अब्दुल कलाम करीब 90 प्रतिशत वोट हासिल कर राष्ट्रपति बने थे। उन्हें 1030250 मतों में से 922884 मत मिले थे। वामदलों की उम्मीदवार लक्ष्मी सहगल 107366 मत ही हासिल कर पायी थी।

देश की एकमात्र महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल

देश की एकमात्र महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने करीब 66 प्रतिशत मत हासिल कर चुनाव जीता था। वर्ष 2007 में हुये चुनाव में उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता भैरों सिंह शेखावत से हुआ था। श्रीमती पाटिल को 969422 में से 638116 तथा शेखावत को 331306 मत मिले थे।

पिछले चुनाव में श्री प्रणव मुखर्जी 69 प्रतिशत से अधिक मत हासिल करने में सफल हुये थे। कुल 1029750 मतों में से उन्हें 713763 मत मिले थे। उनके एकमात्र प्रतिद्वंद्वी पी ए संगमा को 315987 वोट मिले थे।

अगर जीतती हैं मीरा कुमार

जद(यू) नेता नीतीश कुमार और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के सत्तारूढ़ दल के साथ आ जाने के बाद राजग प्रत्याशी का पलड़ा काफी भारी है, फिर भी अगर मीरा कुमार जीतती हैं, तो लोकसभा की प्रथम महिला स्पीकर होने का रिकॉर्ड तो उनके नाम रहेगा लेकिन वे दलित समुदाय की दूसरी राष्ट्रपति होंगी और दूसरी ही महिला राष्ट्रपति होंगी।

कांग्रेस के नाम चार रिकॉर्ड

इस तरह राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के नाम चार महत्वपूर्ण रिकॉर्ड रहे हैं।

पहला रिकॉर्ड राष्ट्रपति चुनाव में सर्वाधिक 99 प्रतिशत से अधिक मत हासिल करने का रिकॉर्ड

पहला मुस्लिम राष्ट्रपति देने का रिकॉर्ड

पहला दलित राष्ट्रपति देने का रिकॉर्ड

पहली महिला राष्ट्रपति देने का रिकॉर्ड

 

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