राजेंद्र बाबू सादगी, सच्चाई और प्रतिभा के प्रतीक थे : टंडन
बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने यहां सोमवार को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ़ राजेंद्र प्रसाद की जयंती के मौके पर कहा कि राजेंद्र बाबू सादगी, सच्चाई और प्रतिभा के प्रतीक पुरुष थे;
पटना। बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने यहां सोमवार को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ़ राजेंद्र प्रसाद की जयंती के मौके पर कहा कि राजेंद्र बाबू सादगी, सच्चाई और प्रतिभा के प्रतीक पुरुष थे। पटना में टी़ क़े घोष अकादमी राजकीय उच्च विद्यालय में प्रथम राष्ट्रपति की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस विद्यालय को एक धरोहर के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। पूर्वजों के आदर्श कृत्यों का स्मरण कर प्रत्येक मनुष्य स्वाभाविक रूप से गौरवान्वित होता है।
राज्यपाल ने कहा, "राजेंद्र बाबू एक ऐसे त्यागी राजनेता थे, जिन्होंने अपने वकालत पेशे को छोड़कर गांधी जी के आह्वान पर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो जाना मुनासिब समझा।"
राज्यपाल ने कहा कि संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने एक ऐसा लोकतांत्रिक एवं कल्याणकारी संविधान तैयार कराया, जिससे आज भी कुशलतापूर्वक देश का शासन-प्रशासन संचालित हो रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि देशरत्न डॉ़ राजेंद्र प्रसाद एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे लोगों को आज पुन: समुचित सम्मान मिल रहा है, जिसके वे वाजिब हकदार हैं।
वहीं, उप मुख्यमत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार की छात्र-छात्राएं पैसे के अभाव में पढ़ाई से वंचित नहीं रहेंगे। इंटरमीडिएट से आगे की पढ़ाई के लिए बिहार के छात्रों के लिए चार प्रतिशत एवं छात्राओं को एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने टी़ क़े घोष अकादमी के विकास के लिए पूरी तरह दृढ़संकल्पित है।
कार्यक्रम में केंद्रीय विधि एवं न्याय तथा संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सदगी, समर्पण और तीव्रबुद्धि से राजेंद्र बाबू ने भारतीय राजनीति को एक विशिष्ट दिशा प्रदान की थी।
केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने भी अपनी बात रखी और राजेंद्र बाबू को नमन किया।