राजस्थान : अजमेर क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान को मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान का दर्जा

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश भर के क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों को राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान बनाया जाएगा;

Update: 2018-04-12 00:16 GMT

जयपुर। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि देश भर के क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों को राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान बनाया जाएगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से अजमेर क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान को भी राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान का दर्जा मिल जाएगा। जावड़ेकर ने बुधवार अपरान्ह नई दिल्ली की विज्ञान भवन एनेक्सी में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 55वीं वार्षिक बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने राजस्थान में आंगनवाड़ियो को स्कूलों से जोड़ने व सरकारी स्कूलों में बीएड प्रशिक्षण की अनिवार्यता आदि का उल्लेख किया।

बैठक में राज्यों के शिक्षा मंत्री, सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ काउंसिल के सदस्यों ने भाग लिया।

इस अवसर पर राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने अजमेर सहित देश के पांचों शिक्षा संस्थानों में शारीरिक शिक्षा का चार वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम शुरू करने की मांग रखी। साथ ही मैसूर व भुवनेश्वर की तरह अजमेर में भी एम.एस.सी. एम.एड. पाठ्यक्रम शुरू करवाने का आग्रह किया। 

देवनानी ने अहमदाबाद में बंद हुए एनसीईआरटी के प्रकाशन विभाग को अजमेर में शुरू कराने की मांग भी रखी। उन्होंने मैसूर की तर्ज पर अजमेर, भोपाल, भुवनेश्वर आदि संस्थाओं में भी विज्ञान उद्यानों, वेट लैंड, छोटे वाटर हेबिटेट विकसित करवाने का अनुरोध भी किया। साथ ही पाचवी एवं आठवीं बोर्ड की परीक्षाओं में उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण के परिणामों की पद्धति अध्यादेश के जरिये लागू करने की मांग भी रखी। उन्होंने बताया कि राजस्थान में परिणामों की ग्रेडिंग देने का काम शुरू कर दिया गया है।

बैठक में बताया गया कि एस.एस.ए, रमसा, टीचर्स एजुकेशन आदि को एकीकृत कर अब देश में समग्र शिक्षा अभियान चलाया जायेगा। इसी प्रकार छठी से बाहरवीं कक्षा तक कस्तूरबा विद्यालय शुरू किए जायेंगे। इस वर्ष शिक्षा का बजट 20 हजार करोड़ रुपये से बढ़ कर 34 हजार करोड़ रुपये किया जा रहा है, जिसे अगले वर्ष बढ़ा कर 41 हजार करोड़ रुपये कर दिया जायेगा। साथ ही आईईआरटी, डाइट, बीआरसी, सीआरसी की शत प्रतिशत फंडिंग के लिए केंद्र सरकार ग्रांट देगी। इसके अलावा हर स्कूल को स्वच्छता अभियान, पुस्तकालय व खेलों के विकास के लिये 5-10 हजार रुपये दिए जाएंगे। बीएड पाठ्यक्रम अब दो वर्षीय एकीकृत कोर्स के रूप में चलेगा। स्कूलों की कक्षा में अब ब्लैक बोर्ड डिजिटल होंगे।

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