राजस्थान: सीकर में 13 मार्च को किसान करेंगे कलेक्ट्रेट का घेराव

इस बीच सीकर के तमाम खेतों में प्याज पड़ा हुआ है, किसानों का कहना है, कि प्याज को मंडी में ले जाने का खर्च दो रुपए आता है और कीमत ढ़ाई रुपए मिल रही है, ऐसे में प्याज को मंडी तक ले जाने घाटे का सौदा है।;

Update: 2019-03-09 21:44 GMT

सीकर। प्याज की सरकारी खरीद को लेकर आंदोलन कर रहे किसान 13 मार्च को जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जाएगा, इस बीच किसानों का पड़ाव जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है, कि सीकर के किसान पिछले 10 दिन से कलेक्ट्रेट पर आंदोलन कर रहे हैं। अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन में बड़ी संख्या में किसान हिस्सा ले रहे हैं। किसान नेता आमराराम के अनुसार राज्य सरकार ने उनकी मांग पर अभी तक कोई गौर नहीं किया गया है। आज शाम को किसान नेताओं ने बैठक कर आंदोलन के अगले चरण की घोषणा की। 

इस बीच सीकर के तमाम खेतों में प्याज पड़ा हुआ है, किसानों का कहना है, कि प्याज को मंडी में ले जाने का खर्च दो रुपए आता है और कीमत ढ़ाई रुपए मिल रही है, ऐसे में प्याज को मंडी तक ले जाने घाटे का सौदा है।

सीकर प्याज उत्पादन का बड़ा जिला है, बम्पर उत्पादन के कारण भाव गिर जाते हैं, जिसका नुकसान किसानों को होता है। किसान लंबे समय से नगदी फसल की सरकारी खरीद की मांग कर रहे हैं, कांग्रेस जब विपक्ष में थी, तब वो किसानों की इस मांग से सहमत थी, पर सत्ता में जाते ही इसे भूल गई। 10 दिन से चल रहे आंदोलन में राज्य स्तरीय किसान नेताओं के अलावा माकपा विधायक बलवान पूनिया और गिरधारी महिया ने भी हिस्सा लिया। किसान सभा के प्रदेशअध्यक्ष पेमा राम ने कहा किसान अपनी मांगों को लेकर जनमत तैयार कर रहे है। इसके लिए किसान सभा की टीम गांव व ढाणियों तक जनसंपर्क में जुट गई है। राष्ट्रीय नेता अमरा राम ने कहा, कि किसानों की समस्या पर राज्य सरकार गंभीर नहीं है, इसलिए किसानों में नाराजगी है। अगर सरकार का यही रुख रहा, तो सरकार व किसानों के बीच आरपार की लड़ाई होगी। 

Full View

Tags:    

Similar News