अपहृत इंजीनियर को पुलिस ने छुड़ाया, सभी छह आरोपी गिरफ्तार, दो महिलाएं भी शामिल
रायपुर ! सुन्दर नगर निवासी व मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना में कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ सुशील गुप्ता को आज पुलिस ने अपहरणकर्ताओं से सकुशल छुड़ा लिया है।;
जिंदा कारतूस, चाकू सहित फर्जी आईडी बरामद
पांच करोड़ रुपए की फिरौती मांगने किया था अपहरण
रायपुर ! सुन्दर नगर निवासी व मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना में कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ सुशील गुप्ता को आज पुलिस ने अपहरणकर्ताओं से सकुशल छुड़ा लिया है। इस दौरान सभी अपहरणकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में 5 करोड़ रुपए की फिरौती के लिए इंजीनियर का अपहरण करना बताया है। पुलिस ने घटनास्थल से 5 से 6 की संख्या में जिंदा कारतूस, चाकू और कई फर्जी आईडी बरामद किए हैं। अपहरण की इस घटना में कुल छह लोगों के शामिल होने की जानकारी पुलिस ने दी है। जिसमें चार पुरुष एवं दो महिलाएं है। पुलिस ने सभी आरोपियों को देर रात गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस कंट्रोल रुप में घटना का खुलासा करते हुए आईजी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि सुन्दर निवासी सुशील गुप्ता की पत्नी सुलभा गुप्ता ने शुक्रवार को देर रात पुलिस को फोन कर सूचना दी थी कि उनके पति सुशील गुप्ता चंगोराभाटा स्थित मकान को किराए पर देने के उद्देश्य से किसी के साथ गए थे, लेकिन वापस नहीं लौटे हैं। अलबत्ता उनका अपहरण कर लिया गया है। अपहरणकर्ता पति की जान बक्श देने के एवज में 5 करोड़ की फिरौती के रुप में मांग रहे हैं। पुलिस ने सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अपहरणकर्ताओं से इंजीनियर को छुड़ाने के लिए अलग-अलग टीम का गठन किया। जिसका नेतृत्व स्वयं आईजी प्रदीप गुप्ता एवं एसपी डॉ. संजीव शुक्ला ने किया। पुलिस ने बताया कि अपहरणकर्ता अलग-अलग समय अपहृत इंजीनियर के मोबाइल फोन से उसकी पत्नी सुलभा गुप्ता को पैसों के लिए धमकी दे रहे थे। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं का पता लगाने के लिए पूर्व से अपहृत इंजीनियर के सम्पर्क में आए व घटना के पश्चात जो मोबाइल फोन नंबर ले गए थे उन्हें खंगालना शुरु किया। इस दौरान पुलिस को पता चला कि अपहरणकर्ता इंजीनियर का अपहरण बोरियाकला, बोरियाखुर्द, शदाणी दरबार, फुण्डहर, डूमरतराई की ओर ले जा सकते हैं। पुलिस इन स्थानों की जांच में जुटी हुई थी कि टिकरापारा में एक टीम को कार्रवाई के दौरान बोरियाखुर्द के पास अपहृत इंजीनियर की एक्टिवा मोटर सायकल क्रमांक सीजी 04 केएस 8560 खड़ी मिल गई। एक्टिवा के मिलते ही पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला। जिससे पुलिस को कुछ व्यक्ति बोरियाकला हाऊसिंग बोर्ड कालोनी, ग्रीन वेली कालोनी की ओर जाते हुए दिखाई दिए। पुलिस ने इलाके की जांच सिविल ड्रेस में शुरु की। जल्द ही टीम को कुछ संदिग्ध व्यक्तियों का मूवमेंट हाऊसिंग बोर्ड कालोनी की ओर दिख गया। इधर पुलिस को अपहृत इंजीनियर के मोबाइल फोन का विश्लेषण करने पर उसका अंतिम लोकेशन मिलेनियम टावर एवं ग्रीनवेली में मिला। इस दौरान रात्रि 8 से 10 बजे के बीच होटल सफायर में अपने दो अन्य साथियों के साथ देखा गया था। वहीं सिविल ड्रेस में तैनात टीम को बोरिया कला हाऊसिंग बोर्ड कालोनी के मकान नंबर एमआईजी 110 से संदिग्ध गतिविधियां दिखाई दी।
जिस पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपमाला कश्यप के नेतृत्व में टीम कार्य करने लगी। दोपहर ढाई बजे के करीब एक संदिग्ध युवक जो मुंह पर कपड़ा बांधे हुए था मकान की ओर जाते हुए दिखाई दिया तथा एक महिला से अन्य व्यक्ति की फोन पर बातचीत कराई। जिस पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई कर उक्त मकान में दबिश दी। जहां दो महिलाएं एवं युवक मिला। जिन्हें कब्जे में लेकर पूछताछ की गई लेकिन उन्होंने घर पर किसी के होने से इंकार किया। पुलिस की टीम जब मकान की तलाशी ले रही थी तो उपरी कमरा बंद दिखाई दिया। इस दौरान पुलिस ने जब खुलवाया तो कमरे के अंदर अपहृत इंजीनियर जिसके हाथ पैर बंधे हुए थे तथा उसके शरीर में चोट के निशान थे। इस दौरान टीम ने अपहृत इंजीनियर को अपने कब्जे में लिया। एक आरोपी जो इंजीनियर पर चाकू ताने हुए था को हिरासत में लिया। इस दौरान दोनों महिलाओं को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। जिसके बाद अपहरण की घटना का जो सच सामने आया उसमें इंजीनियर का अपहरण करने की योजना बनाने वाला कोई और नहीं पूर्व में नवम्बर 2015 तक इंजीनियर के निजी कम्प्यूटर सेंटर में काम कर चुका आरोपी मनोज शर्मा था। जो कि मूलत: कानपुर का रहने वाला है। उसने पूणे निवासी समीर खान के साथ मिलकर इंजीनियर का अपहरण कर पांच करोड़ की फिरौती की योजना बनाई थी। पुलिस ने मामले में दो अन्य युवक राहुल और एबॉन मिस्त्री जो कि समीरखान का साला है को भी हिरासत में ले लिया है।
पुलिस ने 18 घंटे में सुलझाई अपहरण की गुत्थी
देर रात पुलिस कंट्रोल रुप में इसका खुलासा करते हुए आईजी गुप्ता ने कहा कि यह क्राइम ब्रांच की टीम का तथा स्थानीय पुलिस के मेहनत का नतीजा है कि इतने कम समय 18 घंटे में किसी अपहरण की गुत्थी को सुलझा लिया गया है। इसके लिए क्राइम ब्रांच की टीम बधाई की पात्र है उन्हें रिवार्ड भी दिया जाएगा।
ऐशो आराम की जिंदगी जीने किया अपहरण
मामले में गिरफ्तार आरोपी मनोज शर्मा व समीर खान को ऐशो आराम की जिंदगी पसंद थी। इस दौरान आरोपी मनोज शर्मा इंजीनियर के निजी कम्प्यूटर सेंटर में काम करते हुए उसके हैसियत के बारे में जान चुका था। पुलिस ने बताया कि कम्प्यूटर सेंटर संचालित किया जा रहा था। इस दौरान वह जब पढ़ाई करने अन्य प्रदेश चले गया तो इंजीनियर ने सेंटर बंद कर दिया था। लेकिन तब तक उसकी हैसियत के बारे में जान चुका था।
गिरफ्तार आरोपी डॉग प्रशिक्षक व वोकेशनल ट्रेनर
मामले में गिरफ्तार मनोज शर्मा वोकेशनल ट्रेनिंग देने का काम करता है। वहीं समीर खान डाग प्रशिक्षक है लेकिन इन दोनों की आपस में मुलाकात कैसे हुई इसके बारे में पुलिस पता लगाने जुटी हुई है।
रायगढ़ में ही अपहरण करने की थी योजना
मुख्यमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना में कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ सुशील गुप्ता रायगढ़ में कार्यरत है। अपहरणकर्ता मनोज शर्मा और समीर खान की योजना उसे वहीं अपहरण करने की थी। जिसके बाद वे स्थानीय लोग की मदद से फिरौती की मांग की जाती। लेकिन किसी कारणवश यह योजना टालनी पड़ी। पुलिस ने बताया कि आरोपी मनोज शर्मा काफी दिन से इंजीनियर के पीछे लगे हुए थे।
पुलिस ने 18 घंटे में सुलझाई अपहरण की गुत्थी
देर रात पुलिस कंट्रोल रुप में इसका खुलासा करते हुए आईजी गुप्ता ने कहा कि यह क्राइम ब्रांच की टीम का तथा स्थानीय पुलिस के मेहनत का नतीजा है कि इतने कम समय 18 घंटे में किसी अपहरण की गुत्थी को सुलझा लिया गया है। इसके लिए क्राइम ब्रांच की टीम बधाई की पात्र है उन्हें रिवार्ड भी दिया जाएगा।